उत्तर प्रदेश के बरेली जिला में नवरात्र के पहले दिन दलित लड़कियों को मंदिर में पूजा करने से रोकने का मामला सामने आया है। यह मामला बरेली जिले के रिठोरा कस्बे पीपल देवी मंदिर का है। इस बात की जानकारी होते ही लड़कियों के परिजन व दलित समाज के कुछ लोगों मंदिर पर हंगामा करने लगे। पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले को शांत कराया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद दलित लड़कियों से पूजन कराया गया।
आरोप है कि पूजा करने से रोका गया: रिपोर्टस के मुताबिक, रविवार सुबह वहां पहले नवरात्र को अनुसूचित जाति की कुछ लड़कियां गौरी-गौरा का पूजन करते हुए मंदिर की दीवार पर गोबर से कुछ आकृतियां बनाने लगीं। आरोप है कि मंदिर का पूजारी कालीचरण ने लड़कियों को आकृतियां बनाने और वहां पूजा करने से रोका।
मंदिर में आकृति बनाने से रोका था: पुजारी ने बताया कि वह इस मंदिर में 15 साल से पूजारी है। लड़कियों को पूजा करने से कभी नहीं रोका गया और न ही आज रोका गया। लड़कियों को सिर्फ मंदिर में गोबर से आकृतियां बनाने से रोका गया था। पहले यह आकृतियां अपने मोहल्ले में बनाती थी। लेकिन पिछले साल से वह मंदिर में बनाने लगी है।
अब कोई विवाद नहीं: हाफिजगंज के थानाध्यक्ष सुरेश पाल सिंह ने बताया कि बारिश होने की वजह से गंदगी को लेकर बाबा ने लड़कियों को मना किया था। उनकी कोई गलत मंशा नहीं थी। इसे लेकर महिलाओं ने हंगामा कर दिया। उन्हें बाद समझाकर मंदिर में आकृतियां बनाने दी गई। अब यहां कोई विवाद नहीं है।
अक्सर ऐसी घटनांए सामने आती हैं: समाज सुधार के तमाम कार्यक्रम, आंदोलन चलाए जा रहे है इसके बाद भी इस तरह की घटनाएं अक्सर देखने को मिलती रहती है। अभी कुछ दिन पहले दलित होने के नाम पर एक युवक की पिटाई कर दी गई थी।