Cyclone Fani: चक्रवाती तूफान फानी ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में शुक्रवार (03 मई) को जबर्दस्त तबाही मचाई। इसके चलते काफी नुकसान हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पिछले 52 सालों में नौ बार चक्रवात फानी का प्रकोप देखने को मिला है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की मानें तो फानी के समय और ताकत की वजह से ही वह खतरनाक चक्रवातों के रुप में माना जाता है। इसे सबसे भारत से टकराने वाले तूफानों में सबसे खतरनाक माना जाता है।

पिछली बार मई 2004 में आया था फानीः मौसम विभाग के मुताबिक 52 सालों से यह तूफान मई में ही देखने को मिलता है। इसे अत्यंत गंभीर चक्रवात के रूप में जाना जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछली बार फानी मई 2004 में आया था। इससे पहले 1968, 1976, 1979, 1982, 1997, 1999 और 2001 में भी यह तूफान आया था। बताया जा रहा है कि अत्यंत गंभीर चक्रवात भारत में मानसून के बाद (अक्टूबर से दिसंबर) तक टकराता है। मौसम विभाग के अनुसार 1965 और 2017 के बीच भारत में आए चक्रवातों पर आईएमडी के आंकड़ों से पता चलता है कि इन 52 वर्षों के दौरान देश में 39 अत्यंत गंभीर चक्रवात आए हैं। इनमें से लगभग 60 फीसदी चक्रवात (23) अक्टूबर से दिसंबर के बीच में आए थे।

भूमध्य रेखा से विकसित हुआ फानीः रिपोर्ट्स के मुताबिक चक्रवात फानी 25 अप्रैल से उठना शुरू हुआ था और ओडिशा के पूर्वी तट पर शुक्रवार (03 मई) को तबाही मचाई थी। आमतौर पर कोई भी चक्रवात जो बंगाल की खाड़ी में विकसित होता है, उसका जीवनकाल चार से सात दिनों तक का होता है। लेकिन फानी इन सब से अलग है क्योंकि वह भूमध्य रेखा से विकसित हुआ है और लंबी यात्रा तय करके आता है। बता दें कि लंबे समय तक समुद्री इलाके से गुजरने वाले तूफान खाड़ियों से विकसित होकर भू-भाग वाले इलाकों से टकराने वाले तूफानों की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली होते हैं।

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बांग्लादेश की तरफ बढ़ा चक्रवाती तूफान फानीः मौसम विभाग ने पहले चक्रवात फानी के तमिलनाडु में टकराने की आशंका जताई थी लेकिन बाद में चक्रवात ने अपनी दिशा बदल दी और ओडिशा में तबाही मचाई। इसके बाद पश्चिम बंगाल में थोड़ा असर दिखाया और फिर शनिवार (04 मई) को यह बांग्लादेश की तरफ चला गया।