अम्फान तूफान से पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भारी नुकसान हुआ है। इसके चलते कई इलाकों में पुलिस को दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को कोलकाता के मेटियाब्रुज क्षेत्र में बिजली कनेक्शन को लेकर दो राजनीतिक गुटों में झड़प हो गई। इस झड़प में तृणमूल कांग्रेस के विधायक अब्दुल खालिक मोल्ला बुरी तरह पीट गए और बुरी तरह घायल हो गए।
विधायक अब्दुल खालिक मोल्ला को मेटियाब्रुज में नदियाल में स्थानीय लोगों ने पीटा। हिंसा में घायल होने के बाद तृणमूल नेता को कोलकाता के एक निजी अस्पताल में ले जाना पड़ा। उसके सहयोगियों ने बताया कि झड़प के दौरान उनपर ईंट से हमला हुआ जो सीधा उनके चेहरे पर लगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अम्फान तूफान के बाद शहर के कई इलाकों में बिजली नहीं है। इसे लेकर शुरू हुआ छोटा सा विवाद बड़ा हो गया और झड़प शुरू हो गई। देखते ही देखते मामले इतना बड़ा हो गया कि पुलिस को हालात संभालने लिए आना पड़ा।
#WATCH Clashes erupted between people from two slums in Metiabruz area after power was restored to one of the slum areas, following cyclone Amphan. Police dispersed the crowd as bricks were hurled from both sides. #Kolkata (26.05) pic.twitter.com/9CCBvtjFWh
— ANI (@ANI) May 27, 2020
अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के स्थानीय लोगों ने चक्रवात अम्फन के 7 दिनों के बाद भी बिजली और पानी नहीं आने पर सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। एएनआई के अनुसार, दो झुग्गियों के बीच झड़प तब शुरू हुई जब अधिकारियों ने एक झुग्गी में बिजली की व्यवस्था कर दी लेकिन दूसरी को ऐसे ही छोड़ दिया। देखते ही देखते बात सड़क की नाकेबंदी पर आ गई और दोनों गुटों के बीच लड़ाई शुरू हो गई। जैसा कि तृणमूल विधायक ने लड़ाई रोकने के लिए हस्तक्षेप किया, उन्हें बेरहमी से पीटा गया।
कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के निर्वाचित प्रतिनिधियों पर हमले के लिए भाजपा को दोषी ठहराया है। मेयर ने कहा, “विधायक को ईंटों से मारा गया था। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, स्थिति अब नियंत्रण में है।” मेयर ने कहा कि दो कॉलोनियों में विवाद था और हम मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘हम लोगों से बात करने गए थे लेकिन आरएसएस और बीजेपी की अस्थिरता के कारण यह झड़प हुई। इस झड़प का मुख्य कारण बिजली था।” मेयर ने कहा “ऐसा लगता है यह सब पहले से प्लान किया गया था। तृणमूल नेता एक विधायक के रूप में अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए वहाँ गए थे तभी उनपर हमला हो गया। आरएसएस और बीजेपी वहां सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे थे।”