तमिलनाडु में पुलिस हिरासत में एक सरकारी कर्मचारी की मौत हो गई है। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर जरूरत से ज्यादा बल प्रयोग और मारपीट करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने अपने बचाव में विचित्र दलील दी है। अधिकारियों का कहना है कि उसने अंडरविअर से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा विभाग में जूनियर असिस्टेंट के तौर पर काम करने वाले चुनांबेडु (कांचीपुरम) निवासी सित्रासु को पड़ोसी के साथ मारपीट करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसने कथित तौर पर बुधवार (2 मई) को वॉशरूम में पुलिस हिरासत में आत्महत्या कर ली थी। उस वक्त बिजली भी नहीं थी। पुलिसकर्मियों ने बताया कि सित्रासु का शव सुबह तकरीबन 4:30 बजे बरामद किया गया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि उस वक्त ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सित्रासु ने अंडरविअर को अपने गले में कसकर बांध लिया था और उसे बोल्ट से जोड़ दिया था। लिहाजा, गर्दन पर ज्यादा जोर पड़ने से उसकी मौत हो गई थी।

पुलिस पर गंभीर आरोप: हिरासत में मौत और उसके बचाव में दी जा रही दलीलों से पुलिस पर गंभीर आरोप लगने लगे हैं। सित्रासु के परिजनों ने चुनांबेडु पुलिस पर अत्यधिक बल प्रयोग और बेरहमी से मारपीट करने का आरोप लगाया है। सित्रासु की पत्नी वेनिला ने पति की हिरासत में मौत को लेकर पुलिस में शिकायत दी है। उनका आरोप है कि उनके पति को बेरहमी से पीटा गया, जिसके कारण उनकी मौत हो गई। अब उसे आत्महत्या बताने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस पर पक्षपात करने का भी आरोप लगाया गया है। वेनिला के चाचा प्रशांत ने बताया कि सित्रासु 1 मई को जांच में सहयोग करने के लिए खुद थाने गया था। सित्रासु पर पड़ोसी जगन से मारपीट करने का आरोप था। प्रशांत ने बताया कि पुलिस इस मामले में शुरुआत से ही पक्षपाती थी। शिकायत के बावजूद पुलिस ने जगन के खिलाफ मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया था। उनका दावा है कि जगन ने पहले सित्रासु पर हमला किया था। पुलिस अधिकारी ने सभी आरोपों को खारिज किया है। पुलिस का कहना है कि सर्विलांस कैमरे में पूरा घटनाक्रम कैद हो गया है। हिरासत में मौत की घटना को गंभीर मानते हुए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं।