सीआरपीएफ के अधिकारियों के मुताबिक बस्तर में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। जहां माओवादियों ने अब सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। जिसमें व्हाट्सऐप भी शामिल है। बता दें कि अभी तक माओवादी पैमप्लेट्स, चिट्ठी और प्रेस विज्ञप्ति की मदद से संवाद करते थे लेकिन अब ये सोशल मीडिया की ओर बढ़ रहे हैं।

माओवादी ने जारी किया ऑडियो मैसेज: बस्तर में सुकमा के चिंतलनार इलाके में सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो के साथ मुठभेड़ के दौरान चार पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के आतंकवादी मारे गए थे। इनके मारे जाने के बाद
दक्षिण बस्तर संभागीय समिति के प्रमुख विकास के ऑडियो मैसेज को सीपीआई-माओवादी ने जारी किया। यह मैसेज बुधवार को जारी हुआ था और व्हाट्सऐप की मदद से शेयर किया गया।

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चार मिनट का है ऑडियो क्लिप: बता दें कि चार मिनट के ऑडियो क्लिप में विकास ने एनकाउंटर की न्यायिक जांच की मांग के लिए बुद्धिजीवियों और मीडिया को बुलाया है। इसके साथ ही एक अधिकारी ने कहा- यह हमारे लिए परिचालन के लिए अच्छा है, (क्योंकि) इसमें खुफिया जानकारी उत्पन्न करने की क्षमता है। इसके अलावा अधिकारी ने कहा- वे (माओवादी) मोबाइल टावरों को उड़ाते रहते हैं, लेकिन खुद बिना तकनीक के नहीं रह सकते। पिछले कुछ वर्षों में छत्तीसगढ़ के जंगलों में कई मोबाइल टॉवर स्थापित किए गए हैं, और सुरक्षा बल इन टावरों की रक्षा करते हैं। उन्होंने इलाके में कनेक्टिविटी को लाया है और माओवादी भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

विकास का क्या है कहना: 4 मिनट के ऑडियो क्लिप में विकास ने कहा- भीमपुरम डमगुडा गांव में डीआरजी (जिला रिजर्व समूह) और सीआरपीएफ कोबरा ने पीएलजीए सैनिकों की एक टुकड़ी को घेर लिया और उन पर गोलियां चलाईं। कृपया इस घटना की आलोचना करें। कृपया शहीदों को अंतिम सम्मान दें…। हम इस घटना और राज्य द्वारा जारी उत्पीड़न की निंदा करते हैं। हमारी पार्टी आदिवासियों, छात्रों, बुद्धिजीवियों और मध्यस्थों के शुभचिंतकों से अपील करती है कि वे इस ज़बरदस्त हत्या के खिलाफ न्यायिक जाँच की मांग करें, जब तक दोषी को सजा न मिल जाए।

 

कांग्रेस पर विकास का हमला: कांग्रेस पर हमला करते हुए विकास ने कहा- विधानसभा चुनावों के बाद, भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है। यह सरकार लोगों के आंदोलन को दबाने की उसी नीति का पालन कर रही है जिसका पालन रमन सिंह सरकार (भाजपा) ने किया था।

किन माओवादियों की हुई मौत: सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में जो माओवादी मारे गए उनके नाम हैं- डिप्टी कमांडर कमलू उर्फ ​​जगदेश, डूडी हिड़मा, उर्फ ​​दुर्गेश, वंजम गुड्डी और मरियम सुधरी। इसके साथ ही सीआरपीएफ के मुताबिक नेटवर्क द्वारा उत्पन्न विशिष्ट खुफिया सूचना के आधार पर कोबरा बटालियन ने मंगलवार तड़के सुकमा के भीमाराम में माओवादी शिविर पर हमला किया। 45 मिनट तक चली मुठभेड़ में चार माओवादी मारे गए। वहीं सीआरपीएफ ने चार बंदूकें और काफी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया।