मध्य दिल्ली के रंजीतनगर थाने में तैनात दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल ने सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर खुदकुशी की कोशिश की। उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस उपायुक्त का कहना है कि अभी वह बयान देने की स्थिति में नहीं है। पुलिस उसके परिवार वालों से पूछताछ करने के साथ खुदकुशी की कोशिश करने की जांच शुरू कर दी है। दिल्ली में पुलिस वालों की खुदकुशी का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसी महीने दो पुलिस वालों ने और पिछले महीने एक और पुलिस वालों ने इसी तरह की गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी।

सूत्रों के मुताबिक कांस्टेबल सुनील सैनी(26) रंजीतनगर में तैनात है और स्वरूपनगर के लक्ष्मी विहार कालोनी में किराए पर रहता है। चार साल पहले उसकी शादी हुई है। सुनील के साथ उसकी पत्नी रहती है। बताया जा रहा है कि मंगलवार रात ड्यूटी खत्म कर वह घर आया और एक कमरे में जाकर खुद को गोली मार ली। गोली की आवाज सुनते ही पत्नी तुंरत उसकी तरफ दौड़ी तो पति को खून से लथपथ देख मकान मालिक और पड़ोसियों को सूचना दी। मालिक ने पुलिस को इत्तिला देकर उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया, जहां डाक्टरों ने उसके कंधे और सीने में गोली लगने की बात कह कर दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दी। परिजनों ने उसे बीएल कपूर अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

शुरुआती जांच में पारिवारिक कलह खुदकुशी की कोशिश के रूप में सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि वह कुछ दिनों से तनाव में रहता था। हालांकि इस मामले में यह प्रश्न भी सामने आया है कि आखिर ड्यूटी खत्म होने के बाद उसने अपनी सर्विस रिवाल्वर मालखाने में नहीं जमाकर कर अपने साथ कैसे ले आया। इस मामले में उत्तर-पश्चिम जिले के पुलिस उपायुक्त विजय सिंह का कहना है कि फिलहाल कांस्टेबल बयान देने की स्थिति में नहीं है। उसके स्वस्थ होते ही बयान लेकर जांच की जाएगी कि आखिर किन कारणों से उसने ऐसा किया।

राजधानी दिल्ली में पुलिसवालों की खुदकुशी और खुदकुशी की कोशिश का यह कोई पहला मामला नहीं है। अभी इसी महीने की पहली तारीख को सब्जी मंडी चौकी पर तैनात कांस्टेबल कैलाश प्रसाद ने खुद को गोली मार ली थी। जबकि दूसरे ही दिन लाहोरी गेट थाने की बैरक में नेत्रराम यादव नाम के कांस्टेबल ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। बीते महीने भी केंद्रीय मंत्री उमा भारती के घर अकबर रोड पर तैनात बृजपाल नामक कांस्टेबल ने खुद को गोली मार ली थी।