Rajasthan Crime Latest Data: राजस्थान में इस साल अब तक क्राइम के मामलों में मामूली बढ़ोतरी हुई है। इस बात की जानकारी सरकारी आंकड़ो से मिलती है। इससे यह भी पता चलता है कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ होने वाले क्राइम की संख्या में भी कमी आई है। हालांकि, नाबालिगों समेत रेप और गैंगरेप जैसे अपराधों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। साथ ही एससी और एसटी लोगों के खिलाफ भी अपराधों में कमी आई है।
इस साल जनवरी से जून तक के टाइम के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, आईपीसी और स्थानीय कानून के तहत कुल 1,65,875 मामले दर्ज किए गए। यह साल 2023 की तुलना में थोड़े से ही कम है। पिछली साल 1,65,748 मामलों दर्ज किए गए। नए क्रिमिनल लॉ लागू होने की वजह से जुलाई का डेटा नहीं मिला पाया है। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में 1.52 फीसदी की कमी आई है। इस साल जून तक दर्ज किए गए ऐसे कुल मामलों की संख्या 20,767 थी, वहीं 2023 में यह संख्या 21,087 रही थी।
इतना ही नहीं इसके अलावा दहेज हत्या और रेप के मामलों में भी गिरावट दर्ज की गई है। साथ ही महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के मामलों में 12 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। महिलाओं की किडनैपिंग में 10.28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के साथ रेप में 8.03 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2024 में जून तक रेप के 2 हजार 758 मामले और नाबालिगों के रेप के 794 मामले दर्ज किए गए हैं। अभी भी 51.79 फीसदी मामले जांच के लिए पेंडिग हैं।
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महिलाओं के साथ रेप और हत्या के 11 मामले दर्ज किए गए
इस साल महिलाओं के साथ रेप और हत्या के 11 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं 2023 में 19 मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि, महिलाओं के साथ गैंगरेप के मामले पिछले साल के 445 से 7.19 फीसदी बढ़कर इस साल 477 हो गए। पॉक्सो के तहत 2023 के मुकाबले इस साल कुल मिलाकर 8.56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। नाबालिगों के साथ गैंगरेप के मामले 2023 में 187 मामलों से 10.16 फीसदी बढ़कर 2024 में 206 हो गए। इसके अलावा एससी के खिलाफ अत्याचार से संबंधित मामलों में पिछले साल के मुकाबले इस साल 10.09 फीसदी की कमी आई है। एसटी के खिलाफ अत्याचार के मामलों में 4.97 फीसदी की कमी आई है।
पिछले साल के मुकाबले आईपीसी के तहत कुल मामलों की संख्या में 0.53 फीसदी की मामूली कमी देखी गई है। डकैती, हत्या और हत्या की कोशिश के मामलों में कमी आई है। वहीं किडनैपिंग, चोरी और सेंधमारी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। एसएलएल के तहत 2023 की तुलना में 1.65 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। एनडीपीएस अधिनियम और आबकारी अधिनियम के तहत मामलों में बढ़ोतरी हुई है। क्राइम के आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बीजेपी की सरकार पर निशाना साधा है।
कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना
डोटासरा ने कहा कि बीजेपी ने भ्रष्टाचार और पेपर लीक के साथ-साथ कानून-व्यवस्था को भी एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था। हर दिन हत्याएं, रेप, नाबालिगों के साथ रेप और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं। हर दिन क्राइम बढ़ रहे हैं और वह इस पर लगाम नहीं लगा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर चुनाव लड़कर बीजेपी राज्य में सत्ता में आई, लेकिन हमारी बार-बार मांग के बाद भी उन्होंने आठ महीनों में विधानसभा में इस पर एक भी चर्चा नहीं की।
डोटासरा ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि राज्य विधानसभा में कानून-व्यवस्था पर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि उनके पास इसका कोई जवाब नहीं है। वे सरकार नहीं चला रहे हैं, बल्कि नौटंकी कर रहे हैं। राज्य का गृह विभाग मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के पास है , जबकि गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेदम हैं। हालांकि इस मामले पर टिप्पणी के लिए राज्य मंत्री से संपर्क नहीं हो सका, लेकिन बीजेपी प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि हत्या, हत्या का प्रयास, जबरन वसूली, गोलीबारी जैसे बड़े क्राइम में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि जब राज्य में बीजेपी की सरकार आई थी, तब यह सभी तरह के अपराधों में नंबर वन था। यहां संगठित अपराध था, धीरे-धीरे यह सब खत्म हो गया है। जल्द ही हमें सुखद नतीजे मिलेंगे। सरकार काफी मजबूती के साथ में काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के शासन में पिछले पांच सालों में अपराधियों को खुली छूट मिली हुई थी और उन्होंने दावा किया कि यही वजह है कि स्थिति पर काबू पाने में थोड़ा समय लग रहा है।