Delhi DTC Bus News:  दिल्ली में डीटीसी बसें परिवहन का एक बेहतरीन साधन हैं। हालांकि, सीएनजी से चलने वाली बसें अक्सर खराब हो जाती हैं और इसकी वजह से ट्रैफिक जाम हो जाता है। अब अधिकारियों ने ऐसी 30 जगहों की पहचान की हैं, जहां पर यह बसें खराब हो जाती हैं। इतना ही नहीं अब इन्हें हटाने के लिए दिल्ली परिवहन निगम ने एक प्लान भी बनाया है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि औसतन 100 से 123 डीटीसी बसें रोजाना खराब होती हैं। इनमें से ज्यादातर आईएसबीटी कश्मीरी गेट, मिंटो ब्रिज अंडरपास, सराय काले खां, राजघाट, आईटीओ, विकास मार्ग, सिविल लाइंस, धौला कुआं, एम्स फ्लाईओवर, बाबा खड़क सिंह मार्ग, आश्रम और सुब्रतो पार्क पुलिस स्टेशन के पास धौला कुआं जैसी जगहों पर खराब होती हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान खरीदी गई डीटीसी और क्लस्टर बस सेवाओं के तहत कई बसें अपनी सेवा अवधि पूरी कर चुकी हैं। इनमें से कई बसें एएमसी की अवधि खत्म होने के बाद भी चलाई जा रही हैं। इसकी वजह से अक्सर बसें खराब हो जाती हैं।’ अधिकारियों ने बताया कि 2500 से ज्यादा बसें एएमसी की अवधि खत्म होने के बाद भी चल रही हैं। इस साल के आखिर तक यह सड़कों से हट जाएंगी।

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डीटीसी ने बनाया प्लान

अधिकारी ने कहा, ‘जब बसें खराब हो जाती हैं तो इससे ना केवल सर्विस की फ्रीक्वेंसी पर असर पड़ता है, बल्कि ट्रैफिक भी जाम होता है। इस समस्या से निपटने के लिए डीटीसी ने पिछली घटनाओं को सही से एनेलाइज किया और 30 खास जगहों की पहचान की।’ डीटीसी ने एक प्लान बनाया है। दिल्ली परिवहन निगम ने क्यूआरटी का गठन किया और इन 30 जगहों पर क्रैन तैनात की है, ताकि बसों को खराब होने के 15 मिनट के अंदर ही हटाया जा सके।

डीटीसी ने कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की

अधिकारी ने कहा कि पहले जब भी कोई बस खराब हो जाती थी, तो संबंधित डिपो की एक टीम उसे हटाती थी। इसमें लगभग 3 से 4 घंटे लगते थे। अब एक टीम 15 मिनट के अंदर क्रेन की मदद से बस को हटा देगी और मरम्मत के लिए पास के डिपो में ले जाएगी। दिल्ली परिवहन निगम ने अपने कर्मचारियों के लिए हर एक लेवल के लिए भूमिकाएं और जिम्मेदारियां तय कर दी हैं। इसको एक आसान से उदाहरण के जरिये समझने की कोशिश करें तो रिजनल ऑफिसर एसओपी के इंप्लीमेंटेशन की देखरेख करेंगे। इतना ही नहीं संबंधित डिपार्टमेंट, दिल्ली पुलिस के साथ में कोऑर्डिनेट करेंगे।

पांच मिनट के अंदर पहुंचेगी क्यूआरटी

कंट्रोल रूम के तहत काम करने वाली क्यूआरटी बस के खराब होने की जानकारी मिलने के पांच मिनट के अंदर मौके पर पहुंच जाएगी। यह बस को खींचकर ले जाएगी और छोटी-मोटी मरम्मत में मदद करेगी और फंसे हुए यात्रियों को दूसरी बस में शिफ्ट करने के लिए इंतजाम करेगी। अधिकारी ने यह भी बताया कि ये क्यूआरटी इन जगहों पर जलभराव की निगरानी भी करेगी और कंट्रोल रूम को जानकारी भी देगी। डीटीसी बसों की मरम्मत के लिए अर्धसैनिक बलों की ली जा सकती है मदद