डीडीसीए मामले में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ आरोपों को काफी गंभीर बताते हुए माकपा ने मामले में गहन जांच की मांग की और सुझाव दिया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता को अपनी ही पार्टी के मापदंड के मुताबिक इस्तीफा दे देना चाहिए। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि भाजपा नेता (जब विपक्ष में थे) तो भ्रष्टाचार के आरोप में किसी भी मंत्री से इस्तीफा मांगते थे और कहा कि यही मापदंड डीडीसीए मामले में भी अपनाया जाना चाहिए। येचुरी ने कहा- ये आरोप काफी गंभीर हैं और इनकी गहन जांच होनी चाहिए। आप चाहे जेपीसी या एसआइटी से जांच कराएं। हमें कोई आपत्ति नहीं है। और जो भी दोषी पाया जाता है उसे दंडित किया जाना चाहिए। हम चाहते हैं कि जांच की घोषणा हो।
उन्होंने कहा- अगर वे अपने ही मापदंड को अपनाते हैं तो भ्रष्टाचार के आरोप का सामना कर रहे किसी भी मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। तो फिर उन्हें (जेटली को) भी ऐसा करना चाहिए। आरएसएस-भाजपा की कथित ‘विषाक्त अवधारणाएं और अलगाववादी नीतियों’ पर वामपंथी दल की ओर से छह पुस्तिकाएं जारी करने के अवसर पर येचुरी ने ये बातें कहीं। उनके साथ पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य हन्नान मुल्ला और बृंदा करात भी थीं।
किशोर न्याय विधेयक पर येचुरी ने कहा कि इसको 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार मामले के किशोर दोषी की रिहाई से नहीं जोड़ना चाहिए क्योंकि कानून जब लागू होगा तो उसे पहले के मामलों में लागू नहीं किया जाएगा। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि कानून लागू करते समय अपराध की प्रकृति का ध्यान रखा जाना चाहिए।