कोरोना को रोकने के लिए प्रशासन अब सख्त रवैया अपनाने जा रहा है। जिन जिलों में कोराना के टीकों की रफ्तार धीमी है, वहां इसे बढ़ाने के लिए सरकार अब तरह-तरह के कदम उठा रही है। इसी क्रम में अब महाराष्ट्र के एक जिले में टीके से दूर रहने वालों को मुफ्त राशन नहीं मिलेगा।
औरगांबाद जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए राशन की दुकानों से केवल उन लोगों को ही राशन देने के लिए कहा है, जिन्होंने टीका लगवा लिया है। इसी तरह गैस एजेंसियों और पेट्रोल पंपों को भी आदेश दिए गए हैं कि केवल उन नागरिकों को तेल की आपूर्ति की जाए, जिन्होंने टीके की कम से कम एक खुराक ले ली है।
जिला प्रशासन ने बुधवार को बताया कि यह जिला राज्य के 36 जिलों में टीकाकरण के लिहाज से 26वें स्थान पर है। जिले में 55 प्रतिशत पात्र लोगों का टीकाकरण किया गया है, जबकि राज्य में देखें तो 74 फीसदी लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। इसीलिए प्रशासन अब ऐसा कदम उठा रही है।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि मंगलवार रात जारी आदेश में औरंगाबाद के कलेक्टर सुनील चव्हाण ने उचित मूल्य की दुकानों, गैस एजेंसियों और पेट्रोल पंपों के अधिकारियों को ग्राहकों के टीकाकरण प्रमाण पत्र को देखने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि अगर आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो प्रशासन संबंधित लोगों के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम एवं महामारी रोग अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगी।
इससे पहले जिला कलेक्टर ने हाल ही में यह भी आदेश दिया था कि जिन लोगों ने कोविड रोधी टीके की एक भी खुराक नहीं ली है, उन्हें औरंगाबाद के ऐतिहासिक स्थलों और स्मारकों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि टीकाकरण अभियान को तेज करने के लिए औरंगाबाद जिला परिषद ने शाम को भी टीकाकरण करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि इस तरह का पहला अभियान मंगलवार को औरंगाबाद-अहमदनगर जिले की सीमा पर स्थित कायगांव गांव में आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए लाउडस्पीकर से घोषणाएं भी की जा रही हैं।