कोरोना वायरस के चलते देश लगभग पिछले दो महीनों से लॉकडाउन है। ऐसे में अपने खाली समय का सही इस्तेमाल करते हुए महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में रहने वाले पिता-पुत्र ने क्षेत्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए कुआं खोद दिया। लॉकडाउन के चलते पिता-पुत्र की जोड़ी बेरोजगार हो गई और उनके पास कोई काम नहीं था। ऐसे में दोनों ने गाँव में पानी की कमी की समस्या को हल करने का मन बनाया। दोनों ने मिलकर अपने घर के बाहर एक कुआं खोद डाला। सूखाग्रस्त इलाके में पानी मिलने से अब सिर्फ उनका परिवार ही नहीं इलाके के लोग भी खुश हैं।
दोनों ने जमीन में लगभग 16 फीट की गहराई तक खुदाई करने के बाद पानी खोजने में सफलता पाई। नांदेड़ जिले के मुलजारा गांव में रहने वाला यह परिवार बेहद खुश है और अब अपनी जरूरत के मुताबिक पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। मुलजारा गांव में रहने वाले सिद्धार्थ देवाके ने कहा कि वे एक ऑटो-रिक्शा चालक हैं और लॉकडाउन की वजह से उनका रोजगार छिन गया। काम बंद होने के बाद परिवार को लेकर उनकी चिंता बढ़ गई। इधर गर्मियां शुरू हुईं तो पानी की किल्लत भी बढ़ने लगी। ऐसे में उन्होने कुआं खोद का विचार किया।
सिद्धार्थ गाँव के एक लोकल बैंड में भी काम करते हैं। लेकिन कोरोना ने उनका यह रोजगार भी छीन लिया। गर्मी के चलते पानी कि किल्लत थी और दैनिक जरूरतों के लिए पानी लाने के लिए गाँव में कुछ दूरी पर तक पैदल जाना पड़ता था। इसी दौरान उनके मन में विचार आया कि वह अपने घर के परिसर में ही कुआं खोद लें।
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सिद्धार्थ ने बताया कि घर बैठे खाली दिमाग में सिर्फ आमदनी और परिवार को लेकर चिंता रहती। इस दौरान उन्होंने घर के बाहर कुआं खोदना शुरू कर दिया। इस काम में उनके बेटे ने भी उनका साथ दिया। वह कुआं खोदते और उसका बेटा बाल्टी में मिट्टी भरकर बाहर फेंकता वे लोग इसी काम में व्यस्त हो गए।
सिद्धार्थ के बेटे पंकज ने कहा, “मैं गड्ढे में प्रवेश करके मिट्टी को बाल्टी में भरता था और मेरे पिता उसे खींच कर निकालते थे। हम इस तरह से 16 फुट गहराई तक खोदते गए और अब हमारे पास पानी है।” सिद्धार्थ का कहना है कि वे दोनों इस काम में तीन-चार दिन तक लगे रहे और अब उनके घर में ही पानी की व्यवस्था हो गई और अब उनके बच्चे कभी भी यहां से पानी ले सकते हैं।