ओमप्रकाश ठाकुर

दिल्ली की अदालत ने आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के खिलाफ आरोप निर्धारित करने के आदेश दिए हैं। वीरभद्र, प्रतिभा सिंह समेत आठों आरोपियों के खिलाफ आगामी सात जनवरी को सीबीआइ के विशेष जज अरुण भारद्वाज की अदालत में आरोप निर्धारित कर दिए जाएंगे। अदालत ने सोमवार को वीरभद्र समेत बाकी आरोपियों की ओर से चालान में लगाई गई तमाम धाराओं को निरस्त करने के बाबत पेश की दलीलों को खारिज करते हुए यह आदेश दिए। वीरभद्र की ओर से पेश हुए वकीलों ने भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम की धारा 13/1 इ को दरकिनार करने का विशेष आग्रह किया था जिसे अदालत ने नहीं माना। अदालत ने कहा कि दस करोड़ के करीब इस राशि को सफेद करने के लिए धोखाधड़ी और जाली कागजात बनवाने के आरोप प्रथम दृष्टया सही लग रहे हैं। अब सात जनवरी को वीरभद्र, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह समेत सभी आरोपियों को अदालत में पेश होना होगा।

वीरभद्र और उनकी पत्नी के अलावा इस मामले में उनके एलआइसी एजेंट और सेब के बगीचे के प्रबंधक आनंद चौहान, सेब के आढ़ती चुन्नी लाल जिसने आनंद चौहान से सेब खरीदे थे, जोगेंद्र सिंह घालटा, प्रेम राज, लवण कुमार, और राम प्रकाश भाटिया इस मामले में सीबीआइ की ओर से आरोपी बनाए गए हैं। चौहान और वीरभद्र ने आयकर विभाग की जांच में दावा किया था कि उनके और चौहान के बीच जून 2008 को सेब के बगीचे के प्रबंध और बिक्री को लेकर समझौता हुआ था।

सीबीआइ जांच में पाया गया कि यह कागजात बाद में तैयार किए गए। वीरभद्र की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील तरन्नुम चीमा ने दलील दी कि उनपर तमाम आरोप राजनीति बदले की भावना से बनाए गए हैं और मामले की सीबीआइ जांच के लिए सरकार तक की अनुमति नहीं ली गई। अदालत ने इसे खारिज किया।