बिहार के भागलपुर जिले की हिंसा में जेल भेजे गए केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित चौबे की नियमित जमानत की अर्जी एसीजेएम अंजनी कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने मंगलवार को खारिज कर दी। उनके वरीय वकील वीरेश कुमार मिश्रा के मुताबिक सोमवार को अर्जी दी गई थी। अब जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में अर्जी एक-दो दिन में दी जाएगी। इधर अर्जित के साथ दूसरे फरार आठ नामजद आरोपियों में से पांच को पुलिस ने मंगलवार सुबह जगदीशपुर थाना इलाके से गिरफ्तार कर लिया। इनमें भाजपा नगर अध्यक्ष अभय कुमार सोनू, निरंजन कुमार सिंह, सुरेंद्र पाठक, देव कुमार पांडे हैं। ये सभी भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं। एसएसपी मनोज कुमार ने इस बात की पुष्टि की है। ये सभी थाना नाथनगर की एफआईआर 176/18 के नामजद हैं।
एसएसपी ने बताया कि नाथनगर थाना की दूसरी उपद्रव से जुड़ी एफआईआर संख्या 177/18 के 12 नामजद आरोपियों में से तीन (आकाश साह, शंकर यादव और पिंकू यादव) ने भी मंगलवार को ही एसीजेएम के इजलास में आत्मसमर्पण कर दिया। इसे एसएसपी पुलिस की दबिश का नतीजा बताते हैं। इन सभी गिरफ्तार और आत्मसमर्पण किए आठ लोगों को अदालत के आदेश से 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। ध्यान रहे कि अर्जित समेत नौ नामजद आरोपियों की अंतरिम जमानत की अर्जी को प्रभारी जिला सत्र न्यायाधीश कुमुद रंजन सिंह ने खारिज कर दिया था। यह जानकारी वरीय लोक अभियोजक सत्यनारायण प्रसाद साह ने दी है।
एसएसपी मनोज कुमार के मुताबिक नाथनगर थाना की एफआईआर संख्या 176 और 177 के बचे 12 नामजद आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम इनके ठिकानों पर छापे मार रही है। मगर ये अपना रह-रहकर ठिकाना बदल रहे हैं। जल्द ही ये भी पुलिस की गिरफ्त में आ जाएंगे। वैसे पुलिस ने इनके खिलाफ कुर्की वारंट शनिवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से दरखास्त देकर मांगा था। जिस पर उम्मीद है कि बुधवार को अदालत से वारंट मिल जाएगा। वैसे इनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट अदालत से पहले ही 24 मार्च को मिल चुका है। इन सभी पर भी अर्जित के साथ शोभा यात्रा में डीजे बजाने, भड़काऊ नारे लगाने और प्रतिपदा विक्रम संवत की पूर्व संध्या 17 मार्च को बगैर इजाजत के जुलूस निकालने का आरोप है।
ध्यान रहे कि रविवार को अर्जित शाश्वत चौबे को आत्मसमर्पण और गिरफ्तारी के दावों के बीच नाटकीय तरीके से एसीजेएम (सप्तम) एआर उपाध्याय के सरकारी आवास पर पुलिस ने पटना से लाकर पेश किया था। जिन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया था। जेल सूत्रों के मुताबिक, विशेष केंद्रीय कारागार में बंद अर्जित की तबियत रविवार रात में खराब हुई थी। पेट में पथरी की शिकायत की वजह से वे दर्द महसूस कर रहे थे। जिसकी जेल के डॉक्टरों ने जांच की और दवा दी। सोमवार को भी अर्जित की तबियत की जांच डॉ.शमसी, डॉ. दिनेश कुमार और डॉ. वीरेंद्र कुमार बादल ने की। इनके मुताबिक अब हालत ठीक है। मगर खास ध्यान कम से कम 48 घंटे तक रखना जरूरी है। वैसे उन्होंने सामान्य तरीके से खाना खाया है। दूसरी तरफ अर्जित के परिवार के सदस्यों ने जेल में करीब एक घंटे तक मुलाकात की है। उनसे मिलने वालों में उनकी मां नीता चौबे, पत्नी विजेता राज, भाई अविरल शाश्वत, दोस्त विवेक राज और हृदेश हैं।