भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मंगलवार को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी मनीष अग्रवाल को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया। ब्यूरो के महानिदेशक बी एल सोनी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी मनीष अग्रवाल को भ्रष्टाचार के एक मामले में अनुसंधान अधिकारी ने भ्रष्टचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है।
ब्यूरो ने पिछले माह दौसा में एक पेट्रोल पंप मालिक नीरज मीणा को गिरफ्तार किया था जिसने दौसा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल के नाम से राजमार्ग बनाने वाली निर्माण कंपनी से कथित रूप से जबरदस्ती वसूली की थी।
ब्यूरो ने मीणा के साथ साथ दो आरएएस (राजस्थान प्रशासनिक सेवा) के अधिकारियो को उसी कंपनी से रिश्वत लेने के मामले में 13 जनवरी को गिरफ्तार किया था। आईपीएस अधिकारी की संलिप्तता की जांच के बाद ब्यूरो ने मंगलवार को अधिकारी को गिरफ्तार किया है। 2010 के आईपीएस अधिकारी वर्तमान में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल में कंमाडेंट के रूप में जयपुर में तैनात हैं।
इससे पहले एसीबी ने दो आरएएएस अधिकारियों को लाखों रुपए रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया था। दरअसल हाईवे बनाने वाली कंपनी से रिश्वत लेने के मामले में एसीबी ने एक दलाल को पकड़ा जिसके बाद खुलासे हुए।
इससे पहले एसीबी ने दौसा के तत्कालीन एसपी मनीष अग्रवाल का मोबाइल फोन जब्त कर लिया था। आरोप है कि अफसर ने 28 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। इसके अलावा अलग से 10 लाख रिश्वत मांगने का भी मामला है। एसीबी महानिदेशक बीएल सोनी और एडीजी एमएम दिनेश की ओर से रिश्वत के मामले में जांच के लिए कई टीमें बनाई गई हैं।
मामले में अलग-अलग स्रोतों से जानकारी जुटाई जा रही है जिससे कि संबंधित सभी भ्रष्ट अधिकारियों का पर्दाफाश हो सके। एसीबी टीम ने लगातार कई ठिकानों पर छापेमारी की है।