Uttar Pradesh: समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और रामपुर से विधायक आजम खान और उनके परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब रामपुर में स्थानीय नगर निगम की मशीन आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी में मिट्टी के नीचे दबी पाई गई है। इस मशीन को साफ-सफाई के लिए इस्तेमाल किया जाता था। बता दें, सपा विधायक अब्दुल्ला आजम खान के करीबी होने का दावा करने वाले दो संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद मशीन की बरामदगी हुई है।

क्या है जौहर यूनिवर्सिटी जमीन का विवाद

सपा नेता आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। आरोप है कि आजम खान ने अपने ट्रस्ट के जरिए ग्रामीणों की जमीन का जबरन अधिग्रहण किया और यूनिवर्सिटी में शामिल कर लिया। प्रदेश की योगी सरकार ने मामले की जांच कराई तो उसमें पता चला कि यूनिवर्सिटी की केवल साढ़े 12 एकड़ जमीन सही है बाकी अवैध है।

गवाहों को धमकाने के आरोप में आजम पर दर्ज हुए थे दो मुकदमे

बता दें, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर सदर से विधायक मोहम्मद आजम खान के खिलाफ पिछले दिनों गवाहों को धमकाने के आरोप में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए थे। इसको लेकर समाजावदी पार्टी रामपुर में जिला प्रशासन से 27 अगस्त से रामपुर के अंबेडकर पार्क में धरना-प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, लेकिन जिला प्रशासन ने न केवल परमिशन देने से इनकार कर दिया, बल्कि धारा 144 भी लगा दी थी।

जिला प्रशासन के रवैये से नाराज रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से विधायक और आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम, रामपुर की विधानसभा चमरौआ के विधायक नासिर अहमद खान और जिला अध्यक्ष समाजवादी वीरेंद्र गोयल और लोकसभा पूर्व प्रत्याशी आसिम राजा के साथ हाथों में तख्तियां लिए गांधी समाधि स्थल पहुंच गए थे। इस दौरान अब्दुल्लाह आजम ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि जिस तरह से रामपुर में भैंस चोरी, बकरी चोरी, मुर्गी चोरी के मुकदमे हुए। जिसके चलते रामपुर वालों को आज भी जिला बदर किया जा रहा है।

आजम पर सरकारी लेटर हेड का गलत इस्तेमाल करने का लग चुका आरोप

वहीं आजम खान पर सरकारी लेटर हेड और मुहर का गलत इस्तेमाल करने का भी आरोप लग चुका है। आजम खान की ओर से दाखिल डिस्चार्ज अर्जी को एमपी-एमएलए कोर्ट 29 अगस्त, 2022 को खारिज कर दिया था।