देश में कोरोना के मामलों ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। पिछले चौबीस घंटों में दिल्ली में दिल्ली कोविड-19 संक्रमण के 1,009 नए मामले सामने आए और महामारी से एक मौत दर्ज की गयी। फिलहाल दिल्ली में सक्रिय मामलों की संख्या 2,641 है जबकि पॉजिटिविटी रेट 5.70% है। हालांकि, इस बीच कोई नया कोविड-19 वेरिएंट अब तक सामने नहीं आया है।
शहर में कोरोनावायरस के मामलों में तेजी को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने बुधवार को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। मास्क न लगाने वालों पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अपनी बैठक में स्कूलों को बंद नहीं करने का भी फैसला किया है, बल्कि विशेषज्ञों के परामर्श से एक अलग स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर लाने का फैसला किया है।
सार्वजनिक स्थानों पर मास्क अनिवार्य- दिल्ली सरकार जल्द ही सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने को अनिवार्य करने के संबंध में एक आधिकारिक आदेश जारी करेगी। सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों को सामाजिक समारोहों पर कड़ी नजर रखने और राजधानी में कोविड टेस्टिंग को तेज करने के लिए कहा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार (20 अप्रैल 2022) को अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार, एक दिन में संक्रमण के 2,067 नए केस सामने आने के साथ, भारत में COVID-19 मामलों की कुल संख्या बढ़कर 4,30,47,594 हो गई। इसके साथ ही देश में सक्रिय मामले बढ़कर 12,340 हो गए हैं। पिछले चौबीस घंटों में कोरोना से हुई 40 मौतों के साथ ही भारत में महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 5,22,006 हो गई।
नियंत्रण में स्थिति- अधिकारियों ने बुधवार (20 अप्रैल 2022) को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की एक बैठक के दौरान कहा, “सरकार ने पर्याप्त संख्या में अस्पतालों में बेड्स, चिकित्सा ऑक्सीजन और दवाओं की व्यवस्था की है, हालांकि अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बहुत कम है।” कोविड के मामलों में वृद्धि के बीच दिल्ली सरकार ने हॉस्पिटल बेड, ऑक्सीजन और दवाओं की व्यवस्था में तेजी कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोविड की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और संक्रमण नियंत्रित करने के लिए शीर्ष अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तैयारी की जा रही है।
अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या कम- अधिकारियों ने 20 अप्रैल को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की बैठक में कहा, “सरकार ने पर्याप्त संख्या में हॉस्पिटल बेड, ऑक्सीजन और दवाओं की व्यवस्था की है, हालांकि अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बहुत कम है।” आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के अस्पतालों में कुल 9,737 बेड्स में से केवल 80 बेड (0.82 प्रतिशत) ही भरे हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार, केवल 0.64 प्रतिशत ऑक्सीजन बेड्स, 0.91 प्रतिशत आईसीयू बेड्स और 1.03 प्रतिशत वेंटिलेटर बेड्स भरे हुए हैं। केजरीवाल सरकार ने अस्पताल में बेड्स को 37,000 तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, 9 अप्रैल तक जिनमें से 31,622 बेड्स तैयार हो गए थे। मेडिकल ऑक्सीजन इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी 19 अप्रैल तक 991 मीट्रिक टन तक बढ़ाया गया है