तिरूपुर जिले में एक स्कूल में दूषित भोजन खाकर कुछ छात्र बीमार हो गए। यह स्कूल भोजन तैयार करने के लिए एक दलित महिला की नियुक्ति पर विवादों में आया था। महिला का दावा है कि उसे बाहर निकालने के लिए पूरी साजिश रची गयी है।  पड़ोस के तिरूपुर जिले में तिरूमलाईगौंडामपलयम सरकारी स्कूल के 12 छात्रों ने दोपहर के भोजन के बाद उल्टी की शिकायत की। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया।  बच्चों के अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि खाने में मृत छिपकली मिली थी। घटना के बाद स्कूल की प्रधानाध्यापिका शशिकला ने रसोइये पी पप्पल के खिलाफ कार्य में लापरवाही बरतने को लेकर शिकायत दर्ज करायी है।
हालांकि, पप्पल का कहना है कि उन्होंने और उनकी बेटी ने भी खाना खाया था और दावा किया कि उन्हें स्कूल से बाहर करने के लिए जहरीले भोजन का आरोप लगाया गया है।
 इस घटना के एक दिन पहले पप्पल के पति ने तिरूपुर में जिला प्रशासन को शिकायत देकर अपने परिवार के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की थी ।
पिछले महीने गौंडर समुदाय के बच्चों के अभिभावकों ने महिला की नियुक्ति पर ऐतराज जताया था जिसके बाद दूसरे स्कूल में उनका तबादला कर दिया गया। हालांकि, मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचने पर उन्हें स्कूल में बहाल कर दिया गया और घटना के संबंध में 87 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।  राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया और दलित महिला से ‘भेदभाव’ पर स्पष्टीकरण मांगा है ।