जनपद में उत्तर प्रदेश बोर्ड की चल रही हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में धड़ल्ले से नकल हो रही है, लेकिन शिक्षा विभाग और प्रशासन इस पर रोक लगाने में अक्षम साबित हो रहे हैं। पूरे जनपद में जमकर नकल हो रही है। जबकि मात्र दो नकलची अभी तक पकड़ में आए हैं, नकल को धड़ल्ले से कराने के लिए केंद्र व्यवस्थापक पत्रकारों को भी निशाना बना रहे हैं और बखिरा थानाक्षेत्र के एक विद्यालय पर कवरेज करने गए पत्रकारों का न सिर्फ कैमरा और मोबाइल छीन लिया गया, बल्कि उनको बंधक भी बनाया गया। पुलिस के पहुंचने पर पत्रकारों को मुक्त कराया गया।
लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस बाबत पत्रकार संगठन आंदोलन करने के मूड में हैं। जनपद में पिछले कई वर्षों से शिक्षा माफिया सक्रिय हैं, जो बोर्ड परीक्षा में धड़ल्ले से नकल कराते और इसके एवज में परीक्षार्थियों से मोटी रकम वसूलते हैं। ऐसा ही मामला नाथनगर विकास खंड के एक विद्यालय में सामने आया है, जहां एक परीक्षार्थी से पांच हजार रुपए की मांग की गई और उसके न देने पर उसको परीक्षा से बाहर कर दिया गया।
इसके अलावा धनघटा तहसील क्षेत्र के एक विद्यालय पर पिछले दिनों इमला बोलकर नकल कराते समय लेखपाल और कानूनगो ने कक्ष निरीक्षक को पकड़ा तो वे भाग गए। लेकिन हिंदी विषय की कार्बन कॉपी बरामद की गई थी। इसकी जानकारी होने पर उप-जिलाधिकारी धनघटा हरीराम यादव और महुली के थानेदार संतोष कुमार तिवारी मौके पर पहुंचे और उप-जिलाधिकारी ने निरीक्षण रजिस्टर में इसका अंकन कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दिया। लेकिन अभी तक इस सामूहिक नकल पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बघौली विकास खंड के एक विद्यालय पर दो अखबारों के प्रतिनिधि कवरेज करने गए तो केंद्र व्यवस्थापक के गुर्गों ने न सिर्फ उनका मोबाइल और कैमरा छीना, बल्कि उनको बंधक भी बना लिया। बाद में पुलिस ने उक्तविद्यालय पहुंचकर प्रतिनिधियों को छुड़ाया। इस विद्यालय के विरुद्ध भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस प्रकार से जनपद में नकल माफिया सक्रिय हैं, जबकि शिक्षा विभाग और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है और उनके सामने शासन के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।