“सर कृपया मुझे अवकाश दे दीजिए वरना मेरी पत्नी मुझे छोड़ देगी”… यह गुहार है लखनऊ पुलिस के एक कांस्टेबल की जो वह अपने अफसर से कर रहा है। कांस्टेबल ने लखनऊ के अपर पुलिस अधीक्षक को लिखे पत्र में कहा है कि अगर उसे दस दिन का अवकाश नहीं मिला तो उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली जाएगी। लखनऊ पुलिस लाइन में तैनात कांस्टेबल धर्मेन्द्र सिंह ने अपने पत्र में कहा कि चार महीने हो गए, वह अपनी पत्नी से नहीं मिला क्योंकि अवकाश नहीं मिल सका। “मेरी पत्नी चाहती है कि मैं कम से कम दस दिन के लिए घर पर रहूं।” उसने कहा कि पत्नी का कहना है कि अगर दस दिन की छुट्टी ना मिले तो घर आने की जरूरत नहीं है।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया कि कांस्टेबल को दस दिन का अवकाश दे दिया गया है। पिछले महीने आगरा में भी ऐसा प्रकरण सामने आ चुका है जब एक नवविवाहित कांस्टेबल ने कहा कि विवाह के तत्काल बाद वह ड्यूटी पर ध्यान केन्द्रित नहीं कर पा रहा है। उच्च अधिकारियों को लिखे जाने के बाद उसे भी आठ दिन का अवकाश दिया गया। अधिकारी ने बताया कि कांस्टेबल को साल में 30 दिन की सीएल मिलती हैं। साप्ताहिक अवकाश देने का प्रावधान भी है लेकिन वह जिला पुलिस प्रमुख तय करते हैं। लेकिन तैनाती और दबाव के कारण सबको यह अवकाश नहीं मिल पाता है।

दूसरी तरफ, उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में आंधी तूफान में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई है जबकि 50 लोग घायल हुए हैं। प्रदेश के सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि रविवार रात अंधड़ और बारिश के कारण 39 लोगों की मौत हुई है जबकि 50 लोग घायल हो गए। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा कासगंज जिला प्रभवित रहा, जहां छह लोगों की मौत हुई है। बरेली और बाराबंकी में पांच-पांच लोगों की मौत हुई है। बुलंदशहर और लखीमपुर में तीन-तीन लोगों की मौत हुई।
इसके अलावा गाजियाबाद, सहारनपुर और प्रतापगढ़ में दो-दो लोगों की मौत होने की सूचना है। इटावा, कन्नौज, संभल, अलीगढ़, गौतमबुद्ध नगर, बंदायू, मिर्जापुर, जौनपुर, मथुरा और शामली में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।