राष्ट्रपति चुनाव को लेकर देश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। ऐसे में गोवा में विपक्षी कांग्रेस ने 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले अपने 11 विधायकों में से पांच को चेन्नई भेज दिया है। जिन पांच विधायकों को विमान से भेजा गया है, उनमें कार्लोस फरेरा, संकल्प अमोनकर, अल्टोन डी’कोस्टा, रोडोल्फो फर्नांडीस और यूरी अलेमाओ शामिल हैं।इन सभी को शुक्रवार (जुलाई 15) शाम को चेन्नई ले जाया गया, जिसके तुरंत बाद गोवा विधानसभा सत्र की कार्यवाही समाप्त हो गई।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘ये सभी विधायक शुक्रवार को सत्र समाप्त होने के बाद सीधे चेन्नई गए’। उन्होंने कहा कि वे सोमवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने के लिए सीधे गोवा लौटेंगे। वहीं 11 जुलाई से शुरू हुआ गोवा विधानसभा का मानसून सत्र अगले शुक्रवार तक चलेगा।
पिछले रविवार को कांग्रेस ने माइकल लोबो को विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद से हटा दिया था। उन पर और कामत पर पार्टी के खिलाफ साजिश रचने और पार्टी के राज्य विधायी विंग को विभाजित करने के लिए और भाजपा के संपर्क में रहने का आरोप लगा था।
हालांकि, विपक्षी दल के छह अन्य विधायक – पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत, माइकल लोबो, डेलियालाह लोबो, केदार नाइक, एलेक्सो सिकेरा और राजेश फलदेसाई उस गुट का हिस्सा नहीं हैं जो चेन्नई गए। संपर्क करने पर माइकल लोबो ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि पांच अन्य विधायकों को चेन्नई क्यों ले जाया गया। मुझे आमंत्रित नहीं किया गया था। उन्होंने दावा किया कि वह शुक्रवार शाम को वह मुंबई में थे।
पार्टी ने कहा था कि लोबो और कामत सहित पांच विधायक संपर्क से बाहर हो गए थे। हालांकि, इन विधायकों ने सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन गोवा विधानसभा की कार्यवाही में भाग लिया और दावा किया कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है और वे पार्टी के साथ हैं। मंगलवार को वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुल 11 में से 10 विधायक शामिल हुए थे।
गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित पाटकर ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष कामत और लोबो के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है। अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा। राष्ट्रपति की दौड़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की द्रौपदी मुर्मू और संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बीच है।
पाटकर ने आरोप लगाया कि भाजपा दिन-रात कोशिश कर रही है। हर दिन वे पेशकश कर रहे हैं और दबाव बना रहे हैं, लेकिन हमारे जो नए विधायक हैं, वे दृढ़ हैं, वैचारिक रूप से दृढ़ हैं और उनका मत है कि वे लोगों का विश्वास अर्जित करके चुने गए हैं और वे लोगों के उस विश्वास को नहीं तोड़ेंगे। उन्होंने पिछले सप्ताह कोशिश की और वे कांग्रेस को दो-तिहाई से विभाजित करने के लिए हर हद तक चले गए।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मुझे लगता है कि भाजपा को लोकतंत्र का सम्मान करना चाहिए और हमारे पास एक स्वस्थ लोकतंत्र होना चाहिए। संभवत: वे विधानसभा में इस सवाल का सामना नहीं कर पा रहे हैं कि वे विपक्ष को खत्म करना चाहते हैं। तो उस मानसिकता को बदलना होगा। हमें एक स्वस्थ लोकतंत्र की जरूरत है, तभी सरकार काम कर सकती है’।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सदानंद शेत तनवड़े ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष को हमारे खिलाफ आरोप लगाने के बजाय खुद की देखभाल करनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा ऐसे किसी भी कदम में शामिल नहीं है।