Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव का ऐलान हो चुका है। राहुल गांधी के लगातार इनकार के बाद दूसरा सबसे बड़ा नाम राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आ रहा है। इस बीच राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि मीडिया में छपी खबरों पर यकीन न कीजिए। किसी ने कहा है कि राजनीति में जो दिखता है वो होता नहीं है और जो होता है वो दिखता नहीं है।
वहीं, दूसरी ओर अगर गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाता है तो राजस्थान का मुख्यमंत्री पद सचिन पायलट के हाथ आ सकता है। हाल ही में कांग्रेस विधायक और राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने सीएम पद के लिए पायलट की पैरवी करते हुए कहा कि युवा और गुर्जर समुदाय का उन्हें 100 प्रतिशत सपोर्ट है।
गहलोत को नई पीढ़ी को तैयार करना चाहिए: खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा, “अशोक गहलोत जी हमारे पुराने नेता हैं। वह 40 साल से राजनीति कर रहे हैं। आज के हालात में अगर बदलाव की बात है तो इतना बड़ा नेता होने के नाते उन्हें खुद विचार कर नई पीढ़ी को तैयार करना चाहिए।” वहीं, दूसरी ओर राजस्थान के मंत्री उदयलाल अंजना ने बैरवा पर पलटवार करते हुए कहा कि इस तरह के सार्वजनिक बयान पार्टी के लिए अच्छे नहीं हैं। पायलट खेमे के विधायकों को अपनी भावनाओं पर काबू रखना चाहिए।
कई नेताओं ने की पायलट की वकालत: मंगलवार को गुर्जर समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए विधायक चाकसू वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि टॉप पर बैठा आदमी वह नहीं देख रहा है जो युवा देखना चाहता है। सोलंकी ने कहा कि इस बार मांग हम में से नहीं, बल्कि गहलोत पक्ष से आई है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, हर कोई यह कहेगा। मुख्यमंत्री के रूप में वे किसे चाहते हैं, इस बारे में बात करते हुए सोलंकी ने कहा, “मैं किसी पार्टी के साथ नहीं हूं, मैं बार-बार यही कह रहा हूं कि मैं सचिन पायलट जी के साथ हूं।”
राजस्थान में खुश हैं गहलोत: वहीं, अशोक गहलोत का कहना है कि वह राजस्थान में खुश हैं और वास्तव में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उत्सुक नहीं हैं, यहां तक कि गांधी परिवार द्वारा उन्हें उम्मीदवार के रूप में सपोर्ट करने के बाद भी। रिपोर्ट के अनुसार, अगर वह अध्यक्ष बनने के लिए सहमत होते हैं तो एक शर्त यह होगी कि राज्य में उनके किसी वफादार को मुख्यमंत्री का पद दिया जाए।
राहुल गांधी को मनाने की कोशिश: 71 वर्षीय गहलोत ने संकेत दिया है कि वह सीएम और कांग्रेस अध्यक्ष दोनों ही पदों को रख सकते हैं। सोनिया गांधी ने उन्हें कांग्रेस पद का ऑफर दिया है, यह खबर सामने आने के तुरंत बाद सीएम गहलोत ने मीडिया से बातचीत में भी इससे इनकार किया था। उन्होंने कहा था, “मैं तुम्हारे बीच में हूं। मैं बार-बार कहता हूं कि मैं तुमसे दूर नहीं हूं। अपनी आखिरी सांस तक, मैं इस राज्य से दूर नहीं रहने वाला, चाहे जो भी जिम्मेदारियां हों।” उन्होंने कहा था कि आखिरी मिनट तक राहुल गांधी को फिर से पार्टी की बागडोर संभालने हेतु मनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
राजनीति में जो दिखता है वो होता नहीं: दूसरी ओर, कांग्रेस अध्यक्ष के बारे में सवाल पूछने पर सचिन पायलट ने कहा, “किसी ने पहले भी कहा है कि राजनीति में जो दिखता है वो होता नहीं, जो होता है वो दिखता नहीं, इसलिए इंतजार कीजिए। चुनाव कार्यक्रम घोषित हो चुका है, बहुत जल्द प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी और जो है सब सामने आएगा। पार्टी का जो भी निर्देश हुआ है हम सब ने पूरी लगन और ईमानदारी से उसका पालन किया है और जो भी पार्टी आलाकमान कहेगा, हम उसका पालन करेंगे।”