मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले से कांग्रेस के विधायक बाबू जंडेल पिछले दिनों बाढ़ पीड़ितों को राहत नहीं मिलने से आहत होकर विधानसभा परिसर में अपने कपड़े फाड़ते हुए दिखाई दिए थे। अब एक बार फिर वह अपने बयान के कारण चर्चा में बने हुए हैं। एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस विधायक ने कहा कि सरकारी आर्थिक मदद के पैसों से आदिवासी शराब पी जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों के खाते में सरकारी योजनाओं की राशि डालती है तो आदिवासी इसकी शराब पी जाते हैं।

श्योपुर जिले में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बाढ़ पीड़ितों को राहत देने के लिए विशेष राहत पैकेज का ऐलान किया। इस दौरान कांग्रेस विधायक ने कहा था कि सरकार आदिवासियों को मुआवजे में रुपए नहीं बल्कि उन्हें मकान दे दें। उन्होंने कहा कि अगर इनके बैंक खातों में रुपये डाले दिए जाएंगे, तो ये शराब पी जाएंगे। कांग्रेस विधायक के बयान पर राज्य की राजनीति में वार पलटवार का सिलसिला शुरू हो जाएगा।

बीजेपी हमलावर: बीजेपी ने बाबू जंडेल के बयान को आदिवासी समाज का अपमान बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से बयान पर माफी मांगे और विधायक के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है। बीजेपी प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने कहा कि बाबू जंडेल ने अपने बयान से पूरे समाज को अपमानित किया है। कांग्रेस पार्टी ने आदिवासियों के चरित्र का हनन किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कभी भी समाज का भला होने नहीं दिया।

बचाव में कांग्रेस: कांग्रेस ने इस मामले पर विधायक बचाव करते हुए सरकार की मंशा पर ही सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बाढ़ पीड़ितों की मदद नहीं करना चाहती है इसलिए ध्यान भटकाने के लिए बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता अजय रावत ने कहा कि बाबू जंडोल ने बाढ़ पीड़ितों के लिए ही कहा था कि उन्हें पैसे न देकर मकान दें ताकि बाढ़ जैसी त्रासदी में वह सुरक्षित रह सकें।

जब बाबू जंडेल ने फाड़ लिए थे अपने कपड़े: इसी महीने की 10 तारीख को बाबू जंडेल बाढ़ पीड़ितों के समर्थन में विधानसभा परिसर में अपने कपड़े फाड़ लिए थे। उन्होंने कहा कि एक विधायक होने के नाते मैं लोगों की मदद नहीं कर पा रहा हूं। विपत्ति के वक्त भी सरकार हमारी तरफ ध्यान नहीं दे रही है। मेरे क्षेत्र की जनता कपड़े औऱ खाने के लिए तरस रही है।