बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही कांग्रेस को राज्य में बड़ा झटका लगा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

शकील अहमद ने अपने पत्र में लिखा है कि वह बहुत दुखी मन से कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वह किसी भी दूसरे राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे। 

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शकील अहमद ने लिखा है कि उनके दादा अहमद गफूर 1937 में कांग्रेस के विधायक चुने गए थे और इसके बाद उनके पिता शकूर अहमद 1952 से 1977 के बीच पांच बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए और पार्टी में कई पदों पर रहे। शकील अहमद खुद भी 1985 के बाद से पांच बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक और सांसद चुने जा चुके हैं। 

शकील अहमद ने यह भी लिखा है कि उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला पहले ही कर लिया था लेकिन इसकी घोषणा मतदान समाप्त होने के बाद इसलिए की क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि इससे कोई गलत संदेश जाए और उनकी वजह से पार्टी को नुकसान हो।

कांग्रेस की सीटें बढ़ने की जताई उम्मीद

शकील अहमद ने अपने पत्र में उम्मीद जताई है कि इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सीटें बढ़ेंगी और गठबंधन की मजबूत सरकार बनेगी। उन्होंने यह भी कहा है कि उनका पार्टी में बैठे कुछ लोगों से मतभेद हो सकता है लेकिन पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों पर उन्हें अटूट विश्वास है और इस पत्र को उनका कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा माना जाए। 

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