Rajasthan Politics: कांग्रेस ने राजस्थान में रविवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है जहां राज्य के नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग सकती है। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि अशोक गहलोत पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए औपचारिक रूप से नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले पद से इस्तीफा दे देंगे। सीएलपी की बैठक बुलाने का फैसला उस वक्त आया है जब गहलोत के करीबी माने जाने वाले कुछ विधायकों ने मुख्यमंत्री पद के लिए सचिन पायलट का समर्थन किया। इनमें राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा भी शामिल थे। बसपा से कांग्रेस में आए विधायक वाजिब अली भी पायलट के समर्थन में आ चुके हैं।
एक तरफ, लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन शुरू हो गया है तो दूसरी तरफ, राजस्थान में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। सीएम अशोक गहलोत के बाद कौन राजस्थान की कमान संभालेगा, इसको लेकर रविवार को विधायक दल की बैठक होनी है। लेकिन, इससे पहले राजस्थान में गुटबाजी की खबरें भी आती रही हैं।
शशि थरूर ने भी मंगवाए हैं नॉमिनेशन फॉर्म
इससे पहले शनिवार को कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने 17 अक्टूबर को होने वाले चुनाव के लिए नॉमिनेशन फॉर्म लिए। मतों की गिनती 19 अक्टूबर को निर्धारित है। तय नियमों के मुताबिक, केवल पीसीसी प्रतिनिधि ही चुनाव लड़ सकते हैं।
अशोक गहलोत ने शुक्रवार को चुनाव लड़ने के अपने फैसले की औपचारिक घोषणा कर दी थी। हालाकि, उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ने का संकेत तो दिया था लेकिन उन्होंने इसके लिए कोई समय-सीमा नहीं बताई थी। सीएलपी की बैठक बुलाने का पार्टी का फैसला एक स्पष्ट संकेत है कि गहलोत कांग्रेस के शीर्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने से पहले इस्तीफा दे देंगे। राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शाम 7 बजे मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली सीएलपी बैठक में एआईसीसी के पर्यवेक्षक होंगे। गहलोत ने कहा है कि उनके उत्तराधिकारी पर फैसला कांग्रेस आलाकमान करेगा, लेकिन यह देखना होगा कि क्या वह अपने खेमे से किसी नाम को आगे करते हैं।