कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से करीब दो साल पहले प्रदेश के लिए घोषणापत्र समिति सहित कुल सात समितियों का गठन कर लिया है। खास बात है इन समितियों में यूपी कांग्रेस के बड़े नेताओं जैसे पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, पूर्व यूपी कांग्रेस चीफ राज बब्बर और एआईसीसी झारखंड इंचार्ज आरपीएन सिंह को बाहर रखा गया है। इनमें एक नेता को घोषणा पत्र बनाने का काम सौंपा गया था।

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यूपी के लिए घोषणापत्र समिति, संपर्क समिति (आउटरीच कमेटी), सदस्यता समिति, कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, प्रशिक्षण एवं कैडर विकास समिति, पंचायती राज चुनाव समिति और मीडिया एवं संचार परामर्श समिति के गठन को मंजूरी दी है।

बता दें कि साल 2017 में समाजवादी पार्टी संग गठबंधन और राहुल गांधी के चुनाव प्रचार के बावजूद कांग्रेस यूपी में महज सात सीटें जीत सकी थी। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भी पार्टी महज एक सीट जीतने में कामयाब रही। तब कांग्रेस प्रमुख रहे राहुल गांधी भी नेहरू-गांधी का गढ़ कह जाने वाले अमेठी से चुनाव हार गए थे।

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राज्य में पार्टी नेताओं का कहना है कि प्रियंका गांधी चाहती है कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी अपना सर्वक्षेष्ठ प्रदर्शन कर करे। इसके तहत पार्टी ने चुनावी घोषणा पत्र तैयार करने के लिए लोगों की सलाह लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्रों ने बताया कि पहली परामर्श बैठक इस साल जनवरी में कानपुर में आयोजित की गई थी और 48 संगठनों ने इस बैठक में भाग लिया था।

नई समितियों में सलमान खुर्शीद छह सदस्यीय घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष होंगे। इस समिति के सदस्य पीएल पूनिया, सीएलपी नेता अराधना मिश्रा, एआईसीसी सचिव विवेक बंसल, पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया और अमिताभ दुबे हैं। समिति में कांग्रेस नेता शशि थरूर को भी जगह दी गई है।

इसी तरह प्रमोद तिवारी संपर्क समिति के मुखिया होंगे। उत्तराखंड के एआईसीसी प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह सदस्यता समिति के प्रमुख होंगे। राशिद अल्वी की एक बार फिर वापसी हुई है और वो मीडिया पैनल के प्रमुख होंगे। समितियों में जिन लोगों को शामिल नहीं किया गया उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला और श्रीप्रकाश जायसवाल भी शामिल हैं।

अनुग्रह नारायण सिंह वहीं नेता है जिन्होंने इस साल जून में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में राहुल गांधी को पीएम मोदी पर निजी हमने ना करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा कि इसके उलट मोदी के ‘गलत फैसले और नीतियों’ को निशाना बनाया जाना चाहिए। तब राहुल गांधी ने उनकी टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा था कि वो पीएम मोदी ने डरते नहीं हैं अगर CWC उनसे कहेगी तो वो पीएम पर निशाना साधना बंद कर देंगे।