राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने कहा है कि भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ उनका आंदोलन जारी रहेगा। मंगलवार को अपना दिनभर का उपवास और अनशन समाप्त करने के बाद उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि वे चुप नहीं बैठेंगे। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट राज्य में पिछली वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए दबाव बनाने को मंगलवार को जयपुर में एक दिवसीय धरने पर बैठ गये थे। उनका यह उपवास सुबह 11 बजे से दोपहर बाद 4 बजे तक चला। इस दौरान अपने समर्थकों के साथ वे जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना देते रहे।

अनशन के खिलाफ आलाकमान से मिली थी कड़ी चेतावनी

सचिन पायलट का धरना इस मायने में भी खास है क्योंकि राज्य में उनकी ही पार्टी की सरकार है और वह अपनी ही सरकार से कार्रवाई की मांग के लिए उपवास पर बैठे थे। इससे पहले कांग्रेस आलाकमान ने उनको कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि उनका विरोध “पार्टी के हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है।” इसका अवहेलना करते हुए पायलट ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर वसुंधरा राजे के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया। कहा कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के मामलों में उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने में विफल रहे।

पायलट के दिनभर के उपवास से यह बात साफ हो गई है कि उनके ऊपर आलाकमान की चेतावनी का कोई असर नहीं पड़ा है। दूसरी तरफ पार्टी का एक तबका सचिन पायलट के समर्थन में खुलकर सामने आ गया है। गहलौत सरकार में मंत्री पीएस खचारियावास ने भी सचिन पायलट का समर्थन किया है।

रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में खचारियावास ने कहा था कि सचिन पायलट पार्टी के लिए धरोहर हैं। और अगर वह कोई सवाल उठा रहे हैं, तो उसका सम्मान किया जाना चाहिए। खचारियावास ने कहा कि वह गहलोत और पायलट दोनों का सम्मान करते हैं और दोनों में किसी के खिलाफ नहीं हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने भी पायलट के रुख का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि पायलट अपनी हद में हैं और उन्होंने कोई लक्ष्मण रेखा नहीं लांघी है।