कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तुलना कौरवों से की है। पार्टी नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘कुरुक्षेत्र के महाभारत में कौरव हर बार पांडवों से हारे हैं, हर बार न्याय और नीति की जीत हुई है। भाजपा के तीन काले क़ानूनों के ख़िलाफ़ भी जंग कुरुक्षेत्र की भूमि से शुरू हुई है। किसान-मज़दूर-आढ़ती फिर जीतेगा।’ दरअसल हरियाणा के अलग-अलग जिलों में किसान अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्रीय सरकार की तरफ पारित किए गए तीन कृषि अध्यादेशों के विरोध में गुरुवार को कुरुक्षेत्र के पास किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया था।
इस प्रदर्शन में भारतीय किसान संघ और दूसरे किसान संगठनों ने हिस्सा लिया था। इस प्रदर्शन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई थी और राष्ट्रीय राजमार्ग -22 को बाधित करने की कोशिश भी की गई थी। इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज भी किया था। पुलिस ने बताया था कि प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों किसान पिपली चौक तक पहुंचे और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। उन्होंने कहा था कि किसानों ने वहां खड़ी दमकल की गाड़ी के खिड़की के शीशे भी तोड़ दिए थे। जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का सहारा लिया गया।
हरियाणा सरकार ने पिपली में प्रस्तावित किसान बचाओ मंडी बचाओ रैली पर पहले ही रोक लगा दी थी। बताया जा रहा है कि पिपली में किसान बचाओ मंडी बचाओ रैली के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने की घटना पर ही कांग्रेस की तरफ से यह वीडियो ट्वीट किया गया है। जो वीडियो शेयर किया गया है उसमें कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला कह रहे हैं कि ‘पिपली समेत हरियाणा के हर जिले के अंदर खट्टर सरकार की गुंडागर्दी और पुलिस के जुल्म का नंगा नाच कुरुक्षेत्र की रणभूमि से पूरे देश ने देखा।’
कुरुक्षेत्र के महाभारत में कौरव हर बार पांडवों से हारे हैं, हर बार न्याय और नीति की जीत हुई है।
भाजपा के तीन काले क़ानूनों के ख़िलाफ़ भी जंग कुरुक्षेत्र की भूमि से शुरू हुई है।
किसान-मज़दूर-आढ़ती फिर जीतेगा। pic.twitter.com/6DFTvc7bNK
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 12, 2020
केंद्र सरकार के इन अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं किसान
1. पहले कानून के मुताबिक हर व्यापारी केवल मंडी से ही किसान की फसल खरीद सकता था। अब व्यापारी को इस कानून के तहत मंडी के बाहर से फसल खरीदने की छूट मिल जाएगी।
2.अनाज, दालों, खाद्य तेल, प्याज, आलू आदि को जरूरी वस्तु अधिनियम से बाहर करके इसकी स्टॉक सीमा समाप्त कर दी गई है।
3. सरकार कांट्रेक्ट फॉर्मिंग को बढावा देने की बात कह रही है।