कर्नाटक में गठबंधन के विधायकों की बगावत से मुश्किल में पड़ी कुमारस्वामी सरकार को बचाने की जद्दोजहद जारी है। कांग्रेस ने एक और बागी विधायक रामलिंगा रेड्डी को पार्टी के खेमे में वापस लाने के लिए उन्हें मनाने के प्रयास तेज कर दिए जिससे कि वह कर्नाटक विधानसभा से अपना इस्तीफा वापस ले लें। पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ईश्वर खांद्रे और एचके पाटिल ने रेड्डी के साथ उनके आवास पर लगभग दो घंटे तक बैठक की। कांग्रेस ने एक तरफ रेड्डी को मनाने के लिए उनके साथ बैठक की।

दूसरी तरफ बागी कांग्रेस विधायक एमटीबी नागराज शनिवार (13 जुलाई) को उन्हें मनाने के लिए की गई बातचीत के विफल प्रतीत होने के बाद मुंबई रवाना हो गए। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने विश्वास व्यक्त किया कि वो अन्य असंतुष्ट विधायकों को वापस लाने के लिए मुंबई गए हैं। वहीं नागराज ने स्पष्ट किया कि त्यागपत्र वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है। नागराज ने कहा कि इस्तीफा देने वाले सभी विधायक एकजुट हैं। उन्होंने इससे इनकार किया कि विशेष विमान में बीजेपी के वरिष्ठ नेता आर अशोक उनके साथ थे। इससे भी मना किया कि उनके इस्तीफे के पीछे भगवा पार्टी का दबाव है।

कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के नेताओं ने होसकोटे के विधायक नागराज से शनिवार को मुलाकात की, ताकि उन्हें एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली 13 महीने पुरानी सरकार को बचाने के लिए वापस लाया जा सके। रेड्डी से मुलाकात के बाद खांद्रे ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में विश्वास जताया कि विधायक अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे। उन्होंने कहा, ‘रामलिंगा रेड्डी एक वरिष्ठ विधायक हैं जिन्होंने कई बार विधानसभा चुनाव जीता और मंत्री बने। पार्टी के लिए उनका योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण है और हमें उनकी आवश्यकता है।’

खांद्रे ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने उनसे पार्टी में बने रहने और इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया है।’ पाटिल ने भी इसी तरह की बात कही और रेखांकित किया कि पार्टी मुश्किल दौर से गुजर रही है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘पार्टी संकट में है। कांग्रेस का मत है कि गठबंधन सरकार को बने रहना चाहिए और लोगों की सेवा करनी चाहिए। रेड्डी हमारे नेता हैं जिन्होंने पार्टी के लिए बहुत कुछ किया है। आज उनकी मौजूदगी की सबसे ज्यादा जरूरत है। हमने उनसे इस्तीफा वापस लेने को कहा है।’ रेड्डी ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष सोमवार (15 जुलाई) को पेश होने तक वह मामले में कुछ नहीं बोलेंगे।

शनिवार को येलहंका के विधायक एस आर विश्वनाथ और पद्मनाभ रेड्डी के नेतृत्व में बीजेपी नेताओं की एक टीम ने रेड्डी के निवास पर उनसे मुलाकात की थी। कांग्रेस प्रवक्ता सुभाष अग्रवाल ने कहा, ‘रामलिंगा रेड्डी कभी मुंबई नहीं गए हैं, न ही उन्होंने ऐसा कोई बयान दिया है जिसे पार्टी विरोधी गतिविधि माना जाए। उन्हें मनाने की जिम्मेदारी हमारी है। हमें पूरा विश्वास है कि वो पार्टी नहीं छोड़ेंगे।’ कांग्रेस के 13 और जनता दल (सेक्युलर) के तीन विधायकों के इस्तीफे के चलते राज्य की गठबंधन सरकार का भविष्य अधर में है। इसके साथ ही सरकार को स्थिरता देने के लिए हाल में मंत्री बनाए गए दो निर्दलीय विधायकों ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। निर्दलीय विधायकों- एच नागेश और आर शंकर ने भी गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया है तथा अब बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं।