रेलवे यूनिवर्सिटी में ‘कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट’ का मामला सामने आया है। वड़ोदरा स्थित रेलवे यूनिवर्सिटी ने तमाम आपत्तियों के बावजूद अपने ही बोर्ड सदस्य प्रमथ राज सिन्हा को 6 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट दे दिया। प्रमथ राज सिन्हा भारतीय रेलवे द्वारा चलाए जा रहे रेलवे यूनिवर्सिटी के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य हैं।
राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान ( रेलवे यूनिवर्सिटी) ने प्रमथ राज सिन्हा की कंपनी 9dot9 को यह कॉन्ट्रैक्ट दिया है। यह एक कंसल्टेंसी कॉन्ट्रैक्ट है जिसका मूल्य करीब 65 लाख रुपए है। रेलवे यूनिवर्सिटी की तरफ से दिया गया यह कॉन्ट्रैक्ट करीब 9 महीने का है जो दिसंबर 2021 में समाप्त होगा। इंडियन एक्सप्रेस ने भी इस कॉन्ट्रैक्ट के कागजात देखे हैं।
भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट को लेकर सरकार के द्वारा बनाए गए नियम का हवाला देते हुए इस कॉन्ट्रैक्ट पर सवाल भी खड़े किए लेकिन इसके बावजूद यह कॉन्ट्रैक्ट प्रमथ राज सिन्हा की कंपनी को दे दिया गया। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब रेलवे यूनिवर्सिटी ने प्रमथ राज सिन्हा की कंपनी को इस तरह से नियमों का उल्लंघन करते हुए कॉन्ट्रैक्ट दिया है।
पिछले साल सिन्हा की एक और कंपनी हड़प्पा एजुकेशन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा प्रबंधन के प्रशिक्षण का काम मिला था। सूत्रों के अनुसार यह कॉन्ट्रैक्ट करीब दो साल का है और इसके लिए अभी तक सिन्हा की कंपनी को करीब 40 लाख रुपए दिए गए हैं। इसके बाद अप्रैल में रेलवे ने प्रमथ सिन्हा की कंपनी 9dot9 को फिर से कॉन्ट्रैक्ट दे दिया। रेलवे अधिकारियों ने लिखित रूप से कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट को लेकर बने प्रावधानों हवाला दिया लेकिन इसके बावजूद सिन्हा की कंपनी को काम सौंप दिया गया।
जून में भारतीय रेलवे की पीएसयू कंपनी राइट्स की तरफ से 9dot9 के साथ हुए कॉन्ट्रैक्ट को अंजाम दिया गया। इस पूरे मामले को लेकर जब इंडियन एक्सप्रेस के द्वारा प्रमथ राज सिन्हा की प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले पर आप रेलवे यूनिवर्सिटी की अंतरिम कुलपति अलका अरोड़ा मिश्रा से बात कर सकते हैं। इसके बाद जब मिश्रा से इस मामले पर प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने रेल मंत्रालय के प्रवक्ता से माध्यम से कहा कि ये सारे कॉन्ट्रैक्ट नियमों और उचित प्रक्रिया के अनुसार दिए गए।