महिला और बाल विकास मंत्रालय ने गुरुवार को कानून मंत्रालय से पुलिस द्वारा यौन अपराधियों का अनिवार्य पंजीकरण शुरू करने को कहा ताकि ऐसे अपराधियों पर नजर रखी जा सके। इसके लिए उन्होंने भारत में कानून लागू करने का आह्वान किया। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कानून मंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा है कि जघन्य अपराध के मामलों में जब आरोपी को दोषी ठहराया जाता है तो अदालत के आदेश में स्थानीय पुलिस थाने में आरोपी के अनिवार्य पंजीकरण के प्रावधान को भी शामिल किया जा सकता है ताकि पुलिस उनकी गतिविधियों और वे कहां आते-जाते हैं इस पर नजर रखी जा सके।
उन्होंने सुझाव दिया है कि जघन्य अपराध करने वालों के लिए इस बात का प्रावधान किया जा सकता है कि वे नियमित आधार पर पुलिस थाने को अपनी व्यक्तिगत सूचना उपलब्ध कराएं। मंत्री ने कहा कि अदालत द्वारा इस तरह की पहल से यौन अपराधियों की निगरानी की जा सकेगी और भविष्य के अपराधों को कम किया जा सकेगा। जिससे महिलाओं और बच्चों में सुरक्षा की भावना पैदा होगी। अन्य देशों में यौन अपराधियों पर नजर रखने के प्रावधानों का हवाला देते हुए उन्होंने भारत में भी ऐसे कानून को लागू किए जाने का आह्वान किया। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड्स ब्यूरो के अनुसार बलात्कार जैसे यौन अपराध वर्ष 2012 के 24,923 की तुलना में बढ़कर वर्ष 2014 में 36,735 हो गए। जबकि बच्चों में ऐसे मामले समान अवधि के दौरान 8,541 से बढ़कर 13,766 हो गए।