अमिल भटनागर

उत्तर प्रदेश के जेवर इलाके में 200 साल पुराने एक मंदिर की मूर्तियां दिवाली की रात किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा क्षतिग्रस्त करने की खबर है। जिसके चलते इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल गया है। फिलहाल किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रशासन ने बड़ी संख्या में मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया है। घटना जेवर के नगला गणेशी गांव की है। जहां गांव के नजदीक ही काफी पुराना मंदिर स्थित है। बताया जा रहा है कि दिवाली वाली शाम मंदिर के पुजारी पूजा के बाद अपने घर चले गए थे। अगले दिन सुबह 4 बजे जब पुजारी वापस मंदिर पहुंचे तो देखा कि मंदिर में भगवान राम और सीता की मूर्तियां क्षतिग्रस्त हैं। इसके बाद मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई।

देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया। इसके बाद पुलिस को घटना की सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की और आईपीसी की धारा 295(पूजास्थल में तोड़-फोड़) और 427(नुकसान पहुंचाने की कोशिश) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल पुलिस घटना के किसी चश्मदीद का पता लगाने की कोशिश कर रही है। हालांकि मंदिर गांव से अलग जंगल में सुनसान इलाके में स्थित है। ऐसे में दिवाली की रात यहां किसी चश्मदीद का होना काफी मुश्किल लग रहा है। मंदिर के पुजारी का कहना है कि गांव में फिलहाल कोई नहीं बता सकता कि ये किसने किया होगा, लेकिन यह बात पक्की है कि यह गांव में तनाव पैदा करने के लिए किया गया है। क्षतिग्रस्त मूर्तियां अपशकुन मानी जाती हैं खासकर दिवाली की रात ये अपशकुन होना और भी चिंता वाली बात है।

तनाव को देखते हुए प्रशासन ने भी तुरंत आगरा से नई मूर्तियां मंगाकर मंदिर में स्थापित करा दी हैं। इसके साथ ही प्रशासन के शीर्ष अधिकारी ग्रामीणों के संपर्क में हैं और उन्हें समझाने-बुझाने का काम कर रहे हैं, ताकि किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना ना होने पाए। कुछ गांववालों ने विरोध स्वरुप जेवर की ओर जाने वाली सड़क बंद करने की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने मामला संभाल लिया और विरोध को नहीं बढ़ने दिया। जेवर से विधायक धीरेंद्र सिंह का कहना है कि वह लगातार गांव वालों के संपर्क में हैं और उन्हें शांति बनाए रखने की अपील की है। मेरा विश्वास है कि यह किसी बाहरी व्यक्ति का काम है। चूंकि विरोध प्रदर्शन के दौरान भी कुछ बाहरी लोग देखे गए थे। गांव में सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर रहते आए हैं।