हर्ष सांघवी गुजरात के गृह राज्य मंत्री हैं। साथ में कई और मंत्रालयों की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैंं। हाल ही में एक फैसले की वजह से वह खबरों में हैं। यह फैसला है एक सप्ताह के लिए लोगों को ट्रैफिक नियम उल्लंघन पर जुर्माना वसूलने से राहत देने का। इंडियन एक्सप्रेस के सैयद कमाल को दिए इंटरव्यू में इन्होंने इस फैसले के पीछे की क्या वजह बताई, पढ़िए
हर्ष सांघवी ने घोषणा की है कि पुलिस 27 अक्टूबर तक लोगों को मामूली यातायात अपराधों के लिए दंडित नहीं करेगी। उन्होने ट्वीट करते हुए लिखा कि दीपावली भारतीय संस्कृति में रोशनी का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह त्योहार रंगोली के रंगों, मिठाइयों, दीपों और पटाखों के उत्साह के साथ आता है।इस पर्व के अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एक सार्वजनिक निर्णय लिया है। अगली तिथि 27 अक्टूबर तक जनता से किसी भी प्रकार का यातायात जुर्माना नहीं वसूलने का निर्णय लिया गया है। ये फैसला जनहित में लिया गया है।
2012 में सांघवी बने थे सबसे कम उम्र के विधायक
हर्ष सांघवी ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू किया और इसके महासचिव बने। 2012 में वह पहला विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद सबसे कम उम्र के विधायक बने थे। इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा “मुझे लगता है कि इतनी कम उम्र में मेरे कंधों पर ढेर सारी चुनौतियां और जिम्मेदारियां आ गई, जिन्हें पूरा करने के लिए संघर्ष, कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प जरूरी है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे गृह, राजस्व आदि जैसी जिम्मेदारियां मिलेंगी। यह सच है कि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं पर बड़ी जिम्मेदारियों के साथ भरोसा करती है।
गैर राजनीतिक और हीरा कारोबार वाले पारिवारिक पृष्ठभूमि से आने वाले सांघवी कहते हैं, “मैंने कभी चुनाव लड़ने या मंत्री बनने का सपना नहीं देखा था। भाजयुमो में महासचिव के रूप में काम करते हुए, मुझे देश भर में यात्रा करने और युवा ईकाई के नेताओं से मिलने का अवसर मिला। बाद में मुझे विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका मिला, और अलग-अलग जिम्मेदारियां निभाने का भी मौका मिला। पहले मेरा रवैया राजनीति से ज्यादा सामाजिक कार्य करने का था।
ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना नहीं वसूलने के पीछे क्या तर्क है?
इंडियन एक्सप्रेस को एक इंटरव्यू में हर्ष सांघवी ने कहा कि यह फैसला उन मजदूरों के बारे में सोचकर लिया गया है जो दिनभर मेहनत करने के बाद अपने परिवार को दिवाली की शॉपिंग के लिए बाजार ले जाएं तो उन्हे चालान की वजह से मुश्किल ना आए, उन्होंने कहा “छोटे दुकानदारों से सड़क किनारे लगे स्टॉल से खरीदारी करने वाले लोगों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, या हेलमेट नहीं पहनता है, या गलत साइड पर सवारी करता है और पुलिस द्वारा पकड़ा जाता है तो उसे 1,000 रुपये का जुर्माना देना होता है, वह परेशान हो जाता है, जो त्योहार समारोह को प्रभावित करता है। छोटे दुकानदारों का भी कारोबार चौपट हो गया है इसलिए बहुत सोच-विचार के बाद, हम वाहन सवारों से जुर्माना नहीं वसूलने का यह निर्णय लेकर आए हैं। इसके साथ ही हमने सूरत-डुमास रोड पर स्टंट करने वाले और तेज रफ्तार बाइक चलाने वाले ड्राइवरों को पकड़ने के लिए एक अभियान शुरू किया है। उन्हें पकड़ा जाता है और कानूनी कदम उठाए जाते हैं।
ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों को गुलाब देकर समझाते हैं, फैसले पर हो रही राजनीति से नहीं डरते
गुजरात सरकार के इस फैसले के बाद विधायक जिग्नेश मेवाणी ने ट्वीट के जरिए तंज कसते हुए लिखा कि चुनाव आपको कुछ भी करवा सकता है। राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत सिंह चौधरी ने सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार वोट के लिए लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल रही है। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि यह सोच कर कि चुनाव आयोग ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा में देरी की ताकि मतदाताओं को इस तरह के हास्यास्पद रेवड़ी का लालच दिया जा सके।
विपक्ष की इस प्रतिक्रिया पर हर्ष सांघवी ने कहा “ऐसे राजनीतिक नेता हैं जो ऐसे फैसलों पर राजनीति करने लगे हैं, लेकिन हम डरते नहीं हैं। हमने यातायात नियमों के उल्लंघन का अधिकार नहीं दिया है, हम ऐसे अपराधियों को रोकते हैं और उन्हें एक गुलाब देते हैं। हमारी पुलिस टीम उन्हें समझाती है।”
