Telangana High Court News: तेलंगाना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को हैदराबाद में घाटकेसर में मल्ला रेड्डी इंजीनियरिंग कॉलेज को एक छात्र के एकेडमिक और ट्रांसफर सर्टिफिकेट तुरंत जारी करने का निर्देश दिया। इतना ही नहीं कोर्ट ने इस बात जोर दिया कि कॉलेज का छात्र के प्रमाण पत्रों पर कोई अधिकार नहीं है।

जस्टिस के. लक्ष्मण ने यह आदेश एक छात्र की रिट याचिका के जवाब में दिया है। उसने हाल ही में बीटेक पाठ्यक्रम पूरा किया था और उसे किसी अन्य संस्थान में एम.टेक. पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए अपने सर्टिफिकेट्स की जरूरत थी। उसके वकील, सी हरि प्रीत ने दलील दी कि कॉलेज ने उसके डॉक्यूमेंट रोक लिए हैं और यहां तक कि अदालती नोटिस को व्यक्तिगत रूप से स्वीकार करने से भी इनकार कर दिया है।

कॉलेज के पास ट्रांसफर सर्टिफिकेट

कोर्ट को बताया गया कि कॉलेज ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के एक ईमेल के बाद छात्र को प्रोविजनल सर्टिफिकेट पहले ही दे दिया था, लेकिन ट्रांसफर सर्टिफिकेट अभी भी अपने पास में ही रखा हुआ है। जस्टिस के. लक्ष्मण के फैसले ने एक पहले से तय और मान्य कानून के सिद्धांत को दोहराया। उन्होंने तेलंगाना हाईकोर्ट के पुराने फैसलों का भी ज़िक्र किया, जैसे कि डी. वैष्णवी बनाम तेलंगाना राज्य और महात्मा गांधी लॉ कॉलेज बनाम तेलंगाना राज्य, ताकि यह दिखाया जा सके कि इसी तरह के मामलों में पहले भी यही फैसला दिया गया है।

ये भी पढ़ें: Exclusive: KCR की सरकार में निशाने पर थे रेवंत रेड्डी; करीबियों की भी होती थी ‘निगरानी’

कॉलेज का याचिकाकर्ता के सर्टिफिकेट पर कोई अधिकार नहीं

कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि कॉलेज का याचिकाकर्ता के सर्टिफिकेट पर कोई अधिकार नहीं है और वह उन्हें रोक नहीं सकता है। साथ ही कहा कि अगर फीस बकाया भी है, तो कॉलेज को फीस वसूली के लिए कानूनी उपाय तलाशने चाहिए, जैसे कि मुकदमा दायर करना, न कि छात्र के डॉक्यूमेंट्स रोकने चाहिए। अदालत ने इंजीनियरिंग कॉलेज को आदेश दिया कि जैसे ही उन्हें कोर्ट के फैसले की कॉपी मिले, उसके दो दिन के अंदर छात्रा को ट्रांसफर सर्टिफिकेट दे दिया जाए। साथ ही, अदालत ने जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, हैदराबाद के रजिस्ट्रार को कहा कि वह यह सुनिश्चित करें कि कॉलेज इस आदेश का सही तरीके से पालन करे।

ये भी पढ़ें: मुस्लिम आदमी को पत्नी की ‘खुला’ तलाक की मांग को अस्वीकार करने का कोई अधिकार नहीं: तेलंगाना हाई कोर्ट