योगी सरकार 2.0 को अभी 4 महीने भी नहीं बीते थे कि अधिकारियों और मंत्रियों खींचतान के बाद मंत्रियों की सरकार से नाराजगी की खबरें मीडिया की सुर्खियों मे आनी शुरू हो गईं। सोमवार को यूपी के पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों के तबादलों से नाराज लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद काफी नाराज दिखाई दे रहे हैं। मंगलवार को मंत्री जितिन प्रसाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी लेकिन अगले दिन एक और खबर आती है कि वो दिल्ली दौरे पर निकल पड़े हैं।
दिल्ली में जितिन प्रसाद आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे और विभाग में हुए तबादलों को लेकर अपनी बात रखेंगे। पिछले दिनों यूपी के पीडब्ल्यूडी विभाग में इंजीनियरों के ट्रांसफर को लेकर काफी गड़बड़ियां सामने आईं थीं। जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए एक जांच कमेटी का गठन कर दिया। इस जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इन तबादलों में बड़ी धांधली का खुलासा किया।
योगी सरकार में जितिन प्रसाद को मिला बड़ा पद
इतना ही नहीं कमेटी ने ये भी खुलासा किया कि इन तबादलों के दौरान खूब लेन-देन भी किया गया। इन गड़बड़ियों के सामने आने के बाद सोमवार को सीएम योगी ने जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडेय को हटा दिया। आपको बता दें कि जितिन प्रसाद ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। बीजेपी में शामिल होते ही उन्हें एमएलसी बनाया गया था। जब सूबे में एक बार फिर योगी सरकार का गठन हुआ तो उन्हें एक बड़ा पद पीडब्ल्यूडी मंत्रालय मिला।
OSD अनिल कुमार पांडेय पर पैसे लेने का आरोप
जितिन कुमार के ओएसडी अनिल कुमार पांडेय पर पीडब्ल्यूडी विभाग में ट्रांसफर और पोस्टिंग के बदले में पैसे लेने का आरोप लगा है। सूत्रों के हवाले से ऐसे मामले सामने आए हैं। शासन स्तर पर गठित जांच कमेटी ने 200 से अधिक कार्यपालक अभियंताओं के तबादले की जांच की। गड़बड़ी खुलकर सामने आई। यूपी में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आने से पहले अनिल कुमार पांडे केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में अवर सचिव के पद पर तैनात थे।
पहले भी जितिन प्रसाद के OSD रह चुके हैं अनिल कुमार पांडेय
योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद कांग्रेस के जरिए बीजेपी तक पहुंचे हैं। कांग्रेस में रहते हुए, वह यूपीए सरकार के दौरान केंद्र में मंत्री रहे थे। केंद्रीय मंत्री रहते हुए भी अनिल कुमार पांडेय अपने कार्यालयों में पदस्थापित थे। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण में जितिन प्रसाद के मंत्री बनने के बाद अनिल कुमार पांडेय ने यूपी में अपनी पोस्टिंग के लिए आवेदन किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अनिल पांडेय के आवेदन पर मंत्री जितिन प्रसाद की सहमति के बाद ही यूपी में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति दी गई थी। वह जितिन प्रसाद के साथ तैनात थे।