देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल में भी पहले की तरह ही एक्शन मोड में काम करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि जनता की सेवा में किसी भी तरह की ढिलाई वे सहन नहीं करेंगे। ऐसे में अफसरों को यह बात साफ तौर पर समझ लेनी चाहिए कि टालमटोल की आदत को तुरंत छोड़कर हर काम में गंभीरता दिखाना शुरू करें।

बुधवार को प्रदेश के वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक में सीएम ने सबको हाई अलर्ट पर रहने की चेतावनी दी। कहा कि समस्याओं के निस्तारण की जवाबदेही तय हो, लेटलतीफी और एक-दूसरे पर टालने की आदत से अफसर बाज आएं। सीएम ने अफसरों से कहा कि कैबिनेट के समक्ष किसी भी तरह की विभागीय प्रस्तुतियां सिर्फ संबंधित मंत्री ही करेंगे। अफसर केवल उनकी मदद कर सकते हैं, खुद प्रस्तुत नहीं करेंगे।

सीएम ने कहा कि राज्य के सभी विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ कार्यालयों का औचक निरीक्षण करें। कार्यालयों में स्वच्छता, लंबित फाइल की स्थिति, जन शिकायतों के निस्तारण की स्थिति, कार्मिकों की उपस्थिति, समयबद्धता आदि की वस्तुस्थिति का परीक्षण किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए संचालित ‘हर घर नल योजना’ अंतर्गत पाइपलाइन डाली जा रही है और जहां पाइपलाइन डाली जा चुकी है, वहां बरसात से पहले पाइपलाइन के लिए खोदे गए गड्ढों को भर दिया जाए, ताकि लोगों को असुविधा नहीं हो।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा, “कोरोना वायरस के कारण बीते दो शैक्षिक सत्र प्रभावित रहे हैं। प्रत्यक्ष पठन-पाठन नहीं हो सका। इसलिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि आगामी सत्र की शुरुआत से पहले ‘स्कूल चलो अभियान’ को वृहद स्वरूप दिया जाना आवश्यक है। विभागीय मंत्री के परामर्श से अभियान के संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली जाए। एक भी बच्चा स्कूल से वंचित नहीं रहे।”

पहली अप्रैल से गेहूं खरीद प्रक्रिया शुरू हो रही है। मुख्यमंत्री ने अफसरों को साफ निर्देश दिया कि किसी भी क्रय केंद्र पर किसानों को समस्या नहीं होने पाए, भंडारण गोदाम हो या क्रय केंद्र, हर जगह गेहूं की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं। प्रत्येक दशा में किसानों को एमएसपी का लाभ मिलना चाहिए। सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ गेहूं खरीद कराई जाए और किसानों की उपज का समयबद्ध ढंग से भुगतान किया जाए।