Kisan Andolan: एमएसपी समेत अपनी तमाम मांगों को लेकर किसान ‘दिल्ली चलो’ नारे के साथ दिल्ली कूच करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें रोकने के लिए दिल्ली बॉर्डर पर सख्त इंतजाम किए गए हैं। किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन वार्ता किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची है। ऐसे में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे गौतम बुद्ध नगर के किसानों के मुद्दों पर विचार करने के लिए बुधवार को एक समिति का गठन किया है।

दरअसल गौतमबुद्ध नगर के किसान जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजे और प्लॉट को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके मद्देनजर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे विकास अथॉरिटी से प्रभावित किसानों की समस्या का हल निकालने के लिए तीन अधिकारियों की कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में राजस्व परिषद के अध्यक्ष, मेरठ के कमिश्नर और गौतमबुद्धनगर के डीएम को शामिल किया गया है।

तीन महीने के अंदर रिपोर्ट देने के निर्देश

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी राजस्व परिषद के अध्यक्ष के नेतृत्व में यह कमेटी किसानों के साथ बैठकर उनसे बातचीत करेगी और उनकी परेशानियों को सुनेगी। इसके बाद कमेटी सभी समस्याओं का समाधान के लिए सुझाव राज्य सरकार को देगी। योगी सरकार द्वारा गठित कमेटी को यह रिपोर्ट तीन महीने के अंदर देनी होगी।

नोएडा के किसानों की क्या समस्याएं

आपको बता दें कि विकास परियोजनाओं के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था। इसके बदले में मुआवजे के साथ दूसरी जगह पर जमीन दी जाती है। साथ ही शहर के हॉस्पिटल और स्कूलों में किसान परिवारों को रिजर्वेशन देने की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा इंडस्ट्रियल इकायों में किसान परिवार के युवा लोगों को नौकरी देने का भी प्रावधान किया गया है। हालांकि, किसानों का आरोप है कि उन्हें इन सभी सुविधाओं का फायदा नहीं मिल रहा है। इसी वजह से किसान दो साल से प्रशासन के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। वहीं, जब पंजाब, हरियाणा के किसान बार्डर पर डटे हैं तो प्रदेश के किसानों ने भी आंदोलन तेज कर दिया है। यहां के किसानों ने भी दिल्ली कूच करने का आह्वान किया।