पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर पर बयान को लेकर घमासान मचा हुआ है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इस बात को लेकर हिंसक प्रदर्शन हो चुके हैं। लगातार हर तरफ से नूपुर की गिरफ्तारी की मांग उठ रही है। सियादी दल भी इस मामले में सत्ताधारी बीजेपी को लगातार घेरने की कोशिश किया करते हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी अपने मंत्रियों को एक फरमान जारी कर दिया है। योगी सरकार ने अपने मंत्रियों को नसीहत देते हुए कहा है, नूपुर शर्मा मामले में आप लोग कोई भी बयान ना दें।
कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम योगी ने अपने मंत्रियों के साथ अपने सरकारी आवास पर भी बैठक की। जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से मंत्रियों को दो टूक ये बात कही कि वो नूपुर शर्मा के मामले में मर्यादित बयान दें, क्योंकि संगठन इस पर अपना पक्ष पहले ही स्पष्ट कर चुका है। उन्होंने अपने मंत्रियों से संयम बरतने की बात कही।
सभी मंत्री रामपुर और आजमगढ़ उपचुनाव पर फोकस करें
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने मंत्रियों से ये भी कहा कि नूपुर शर्मा का सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश से कोई संबंध नहीं है इसलिए आप लोग इस मामले में बयानबाजी से बचें। सीएम योगी ने अपने मंत्रियों को रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटों के उपचुनाव पर फोकस करने के लिए कहा है। सीएम योगी ने इस दौरान अपने मंत्रियों से मंडलीय दौरों का फीडबैक भी लिया।
एक टीवी डिबेट में नूपुर ने की थी पैगंबर पर टिप्पणी
आपको बता दें कि टाइम्स नाऊ के न्यूज चैनल पर ज्ञानवापी मुद्दे पर नविका कुमार के एक डिबेट शो में बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर को लेकर टिप्पणी की इसके बाद से पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी नूपुर के बयान की निंदा की गई। खाड़ी देशों ने भी नूपुर के बयान पर आपत्ति जताई और इसके बाद मोदी सरकार ने नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल पर कड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया है। सरकार के इस कदम के बाद ही हर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद देश भर में हिंसक प्रदर्शन होने लगे।
यूपी के प्रयागराज में हुई थी हिंसा
नूपुर शर्मा के विरोध में 10 जून को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया था। इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिस पर पेट्रोल बम से भी हमला किया था। प्रयागराज के अटाला और करेली में जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन कर रही भीड़ ने छोटे बच्चों की मदद से हिंसा की। उन्होंने पुलिस की टीम पर पथराव किया। पथराव करने वालों में 10-12 साल के बच्चे बड़ी संख्या में शामिल थे। इस घटना में कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई थीं।