पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्दारमैया ने शुक्रवार को राज्य में टीपू सुल्तान जयंती नहीं मनाने पर कर्नाटक के सीएम येदियुरप्पा की आलोचना की। कहा कि बीजेपी नेता केवल एक समुदाय के खिलाफ काम कर रहे हैं। होसुर में एक सभा को संबोधित करते हुए सिद्दारमैया ने कहा, “मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को मुस्लिमों से नफरत है। मुझे नहीं पता कि उन्हें उनके धर्म से क्यों नफरत है। मैंने टीपू जयंती शुरू की थी, जैसे मैंने कनकदास जयंती और केंपेगौड़ा जयंती शुरू की थी। टीपू दूसरे राजाओं की तरह एक राजा थे और उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ चार युद्ध किए थे। उनके पिता भी एक राजा थे। येदियुरप्पा क्यों एक धर्म से नफरत करते हैं। यह उनका सांप्रदायिक होना दिखाता है।”
कहा लोग स्मार्ट होकर वोट दें : सिद्दारमैया ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में शुरू की गई कई योजनाओं के बारे में भी बताया और लोगों से “स्मार्ट तरीके से” वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा, “जब मैं सीएम था तब मैंने कई भाग्य स्कीम शुरू की थी। उन्होंने क्या किया? लोगों को स्मार्ट होना चाहिए। मुझे नहीं पता कि लोगों ने उन्हें वोट क्यों दिया।”
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बीजेपी सरकार ने जुलाई में टीपू जयंती नहीं मनाने का निर्णय लिया था : कर्नाटक में बीजेपी सरकार ने टीपू जयंती नहीं मनाने का 30 जुलाई को निर्णय लिया। इस मामले में राज्य कैबिनेट की मीटिंग में सीएम बीएस येदियुरप्पा के निर्णय को कन्नड़ और संस्कृति विभाग को भेज दिया गया था। पिछले साल तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार और भाजपा के बीच टीपू सुल्तान की जयंती पर राजनीतिक विवाद छिड़ गया था।
18वीं शताब्दी का राजा थे टीपू : पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का विचार था कि मैसूर का 18 वीं शताब्दी का शासक एक “स्वतंत्रता सेनानी” थे, क्योंकि वह चौथे एंग्लो-मैसूर युद्ध में मारा गया था और इस तरह उसकी जयंती मनाई जानी चाहिए। इसको लेकर राज्य में अलग-अलग राय है।