उत्तराखंड के हल्द्वानी में हिंसा के बाद पुष्कर सिंह धामी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। धामी कैबिनेट ने सरकारी और निजी संपत्ति क्षति वसूली एक्ट को मंजूरी को मंजूरी दे दी है। सरकार इसके लिए एक अध्यादेश लेकर आई है। इसमें हड़ताल, दंगा और बंद के दौरान अगर किसी ने सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो उससे इसकी वसूली की जाएगी। सरकार इस अध्यादेश को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजेगी। इसके अलावा कैबिनेट बैठक में कुल 8 प्रस्तावों को हरी झंडी दिखाई गई है।

अध्यादेश से क्या होगा बदलाव

इस अध्यादेश के बाद अब राज्य में दंगा और प्रदर्शन के दौरान अगर सरकारी और निजी संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचता है तो ऐसे लोगों की पहचान कर इससे इसकी भरपाई की जाएगी। यह अध्यादेश कुछ उसी तरह का है जैसा यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार लेकर आई थी। उत्तर प्रदेश में दंगाईयों से वसूली की जा रही है। सरकार अब तक कई गैग्स्टर के खिलाफ कार्रवाई कर उनकी जमीन को नीलाम कर चुकी है। इसके असावा कई दंगाईयों से वसूली भी की गई है।

इन प्रस्तावों पर लगी मुहर

कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा बैठक में ट्री प्रोटेक्शन एक्ट 1976 में संशोधन प्रस्ताव लाया गया है। इसके तहत निजी जमीन पर उगे कई पेड़ों की प्रजातियों को वन अधिनियम से बाहर कर दिया जाएगा। ऐसे में अगर कोई इन पेड़ों की कटाई करना चाहता है तो उसे इसके लिए बन विभाग से अनुमति नहीं लेनी होगी। इसका लाभ हजारों किसानों को मिलेगा। इसके अलावा सहायक लेखाकारों के पदों को लेकर भी बड़ा फैसला लिया गया है। इसके कहा गया गया है कि ये पद वित्त विभाग के हिसाब से होंगे। सरकार ने अशासकीय विद्यालयों में भर्ती पर रोक को भी हटा दिया है।

इनपुट – एजेंसी