Bihar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के बीच अनबन की खबरें तो अभी कुछ दिन पहले ही आई थी। सुधाकर सिंह ने पिछले मंगलवार (13 सितंबर) को सीएम नीतीश कुमार से अपने पद से इस्तीफा देने की धमकी दे दी थी। इसके बाद दोनों नेताओं के संबंधों में खटास आ गई थी। आपको बता दें कि सुधाकर सिंह ने मीडिया में बयान दिया था,”कृषि विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है और वह खुद चोरों का सरदार है।” वहीं, अब एक बार फिर कृषि मंत्री मीडिया की सुर्खियों में हैं। इस बार सीएम नीतीश कुमार ने जनता दरबार से उनको सीधे फोन लगा दिया। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर आ गया तो चलिए जानते हैं आखिर पूरा मामला क्या है?
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में पूरे प्रदेश से लोग अपनी फरियाद लेकर आते हैं। जनता की समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री अक्सर उस विभाग के सचिव को फोन लगा देते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने विभाग के मंत्री को ही फोन लगा दिया। सीएम ने एक किसान की शिकायत सुनकर कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को फोन लगा दिया। नीतीश कुमार ने फोन पर कहा, “जगह पर हैं न, समस्तीपुर से पानी की समस्या है। उसे देख लिजिए।”
राजद कोटे से मंत्री हैं सुधाकर सिंह
बता दें कि बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने बृहस्पतिवार (15 सितंबर) को कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें बर्खास्त कर सकते हैं, लेकिन वह तब तक पद नहीं छोड़ेंगे जब तक कि उनकी पार्टी राष्टीय जनता दल का शीर्ष नेतृत्व ऐसा करने के लिए नहीं कहता। सुधाकर को एक महीने पहले ही शपथ दिलाई गई थी और उन्हें प्रमुख विभाग दिया गया था, लेकिन उन्होंने कैबिनेट की बैठक से बाहर होने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री को कृषि विभाग के सामने आने वाली समस्याओं को समझाने के लिए तैयार हैं।
सुधाकर सिंह के बयान पर सीएम का जवाब
वहीं, सुधार सिंह के इस बयान पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तब मीडिया से कहा था कि मैंने उनसे (सुधाकर) उनकी शिकायतों के बारे में जानने की कोशिश की थी। जवाब देने के बजाय वह बाहर निकल गए। बता दें कि सुधाकर के पिता जगदानंद सिंह राजद के प्रदेश अध्यक्ष हैं। सुधाकर ने अपने विभाग में भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा था,”हमें नहीं लगता कि बिहार राज्य बीज निगम के बीज को किसान अपने खेतों में लगाता है। डेढ़-दो सौ करोड़ रुपये बीज निगम वाला इधर ही खा जाता है। हमारे विभाग में कोई ऐसा अंग नहीं है जो चोरी नहीं करता है।”