Madhya Pradesh Politics: मध्य प्रदेश में सीएम मोहन यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री नागर सिंह चौहान वन विभाग छीने जाने के बाद नाराज हो गए हैं। उन्होंने बगावती रुख अपना लिया है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि अगर मेरी बात को अनसुना किया गया तो झाबुआ-रतलाम संसदीय सीट से सांसद अनिता नागर सिंह चौहान भी अपने पद से इस्तीफा दे देंगी।
नागर सिंह चौहान ने कहा कि मैं आदिवासी हितों की रक्षा नहीं कर पा रहा हूं, इसलिए इस्ताफी दे दूंगा। हालांकि, इसके तुरंत बाद में उन्होंने कहा कि अभी इस्तीफे का मामला होल्ड पर है। वे पहले भोपाल में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। अगर उनकी बात नहीं सुनी जाती है तो वह इस्तीफा दे सकते हैं।
नागर सिंह चौहान के पास थे तीन विभाग
मोहन यादव सरकार में मंत्री बनने के बाद नागर सिंह चौहान के पास तीन विभाग थे। रविवार को रामनिवास रावत को वन एवं पर्यावरण विभाग दे दिए। इस विभाग का प्रभार पहले नागर सिंह चौहान के पास में था। बताया जा रहा है कि इसी बात को लेकर नागर सिंह नाराज हैं। नागर सिंह चौहान ने कहा कि अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, बड़वानी, धार, खरगोन के आदिवासी भाइयों ने मुझ पर काफी विश्वास जताया है कि मैं उनके लिए विकास करूंगा, लेकिन सरकार द्वारा मेरे मुख्य पद लेने के बाद मैं विकास नहीं कर पाऊंगा।
उनकी उम्मीदों पर भी खरा नहीं उतर सकता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे बिना मांगे ही तीन-तीन विभाग दिए गए थे। वहीं, आदिवासी होने के नाते मैंने आदिवासी विभाग मांगा था। इसके बाद भी कांग्रेस से आए कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने के लिए पद दिए जा रहे हैं। यह कहीं ना कहीं गलत है।
अलीराजपुर सीट से चार बार के विधायक हैं नागर सिंह चौहान
नागर सिंह चौहान का एमपी की राजनीति में अच्छा प्रभाव है। वह अलीराजपुर विधानसभा सीट से चार बार के विधायक भी रहे हैं। सबसे पहली बार वह साल 2003 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और कांग्रेस के उम्मीदवार को करारी शिकस्त दी थी। वहीं, साल 2008 में दूसरी बार इलेक्शन में बीजेपी के उम्मीदवार बने और कांग्रेस के प्रत्याशी महेश पटेल को 3224 वोटों से करारी शिकस्त दी। साल 2013 में चौहान तीसरी बार मैदान में उतरे और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराया। 2018 में बीजेपी के टिकट पर उतरे नागर को करारी हार का मुंह देखना पड़ा। इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार मुकेश पटेल ने जीत हासिल की। 2023 में पांचवी बार विधानसभा चुनाव लड़े नागर को फिर से जीत हासिल हुई।