Haryana Assembly: हरियाणा विधानसभा में बुधवार (29 दिसंबर) को शेर-ओ-शायरी का माहौल रहा। इस दौरान सीएम मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hudda) के बीच शायरी के जरिए वार-पलटवार देखने को मिला। दरअसल हुड्डा ने सदन में शराब तस्करी के मुद्दे पर चर्चा की मांग की और उसके समर्थन में अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने गन्ने की कीमतों का भी मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा, “उर्वरक, बीज, कीटनाशक, पेट्रोल, डीजल और परिवहन पर किसानों की लागत लगातार बढ़ रही है, लेकिन सरकार एक पैसा भी नहीं बढ़ा रही है। इसने किसानों को आर्थिक संकट में धकेल दिया है। हुड्डा ने कहा कि राज्य के गन्ना किसानों को मिलने वाली दरों को पंजाब के बराबर लाएं। जिसपर सीएम खट्टर ने बिना किसी आश्वासन के मुद्दे पर विचार करने और 15 दिनों में एक रिपोर्ट पेश करने के लिए एक समिति गठित करने के वादा किया।
पूर्व सीएम हुड्डा ने शायरी से साधा खट्टर सरकार पर निशाना:
सदन में हुड्डा ने शायरी पढ़ते हुए कहा, “चमन को सींचने में कुछ पत्तियां झड़ जाएंगी होंगी, मानता हूं मैं…यही इल्जाम लग रहा है हम पर बेवफाई का, चमन को रौंद डाला जिन्होंने अपने पैरों से, वही दावा कर रहे हैं इस चमन की रहनुमाई का।”
हुड्डा के इस शायरी के ठीक बाद मनोहर लाल खट्टर उठे और जवाब दिया, “जिसे निभा न सकूं, ऐसा वादा नही करता, मैं बातें अपनी औकात से ज्यादा नहीं करता..भले ही तमन्ना रखता हूं आसमान छू लेने की लेकिन, औरों को गिराने का, इरादा नहीं करता।”
सीएम खट्टर ने यह शायरी कही ही थी कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक और शेर पढ़ दिया। उन्होंने कहा, “न पूछ मेरे सफर की इंतेहा कहां तक है, तू सितम कर ले तेरी हसरत जहां तक है।” उन्होंने कहा, “वफा की उम्मीद उसे होगी तुमसे जिनकी आंखें बंद हैं..मैं तो दुनिया को दिखा रहा हूं, तू बेवफा कहां तक है।”
हुड्डा को जवाब देते हुए हरियाणा सीएम ने कहा, “हम भी दरिया हैं, हमें अपना हुनर मालूम है..जिस तरफ भी चल पड़ेंगे, रास्ते अपने आप ही हो जाएंगे।” इस दौरान तक सदन में पूरा माहौल हल्का हो चुका था। लोगों दोनों दिग्गज नेताओं की इस शेर-ओ-शायरी का आनंद ले रहे थे। राज्य के सीएम को जवाब देते हुए आगे हुड्डा ने एक और शेर पढ़ा।
मेरे लफ्ज आपसे बर्दाश्त नहीं होंगे: खट्टर
उन्होंने कहा, “मेरे जुनून का नतीजा ज़रूर निकलेगा..इसी सियाह समुंदर से नूर निकलेगा…उसी का शहर, वही मुद्दई वही मुंसिफ़, हमें यक़ीं था हमारा क़ुसूर निकलेगा।” इस शायरी का जवाब देते हुए मनोहर लाल खट्टर फिर खड़े हुए और कहा, “मेरी खामोशियों का लिहाज कीजिये..मेरे लफ़्ज़ आपसे बर्दाश्त नहीं होंगे।”
हालांकि शायरी जारी रखने को लेकर हुड्डा ने कहा कि सीएम मनोहर लाल खट्टर असल मुद्दे को भटकाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं गन्ने की सही कीमत मांग रहा हूं, और वे शायरी से जवाब दे रहे हैं।”
बता दें कि दोनों दिग्गज नेताओं की शायरी भरी नोकझोंक के बीच सदन में जब कुछ विधायकों ने टोकने की कोशिश की तो विधानसभा में स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा, “यह दो मुख्यमंत्रियों (एक पूर्व) के बीच का मामला है, पहले उन्हें पूरा कर लेने दीजिए। बता दें कि सदन में हुड्डा और खट्टर के बीच शायरी के जरिए हमला करने का यह पहला मामला नहीं है। इसी साल अगस्त में दोनों के बीच शायरी के जरिए वार-पलटवार देखने को मिला था।