Assam madrasas: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने राज्य में जिहादी गतिवधियों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि असम जिहादी गतिविधियों का केंद्र बन गया है। एक प्रेस कांफ्रेंस में असम के सीएम ने कहा कि अंसारुल इस्लाम से संबंधित छह बांग्लादेशी नागरिकों ने युवाओं को शिक्षित करने के लिए असम में प्रवेश किया था। इस साल मार्च में उनमें से एक को बारपेटा में पहला मॉड्यूल मिलने पर गिरफ्तार किया गया था।
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, “अंसारुल इस्लाम से संबंधित छह बांग्लादेशी नागरिकों ने युवाओं को शिक्षित करने के लिए असम पहुंचे थे। जिसमें से एक की गिरफ्तारी इसी साल मार्च में हुई थी।” सरमा ने कहा, “राज्य के बाहर के इमामों का मुस्लिम युवकों को निजी मदरसों में पढ़ाना चिंताजनक है।”
उन्होंने कहा कि जिहादी गतिविधि आतंकवादी या उग्रवादी गतिविधियों में अंतर है। इसकी शुरुआत कई सालों से होती है। इस्लामी कट्टरवाद को बढ़ावा देने में इसकी सक्रिय भागीदारी होती है। यह अंत में जिहादी विचारधारा विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होती है।”
उन्होंने कहा, “साल 2016-17 में अवैध रूप से असम में आने वाले बांग्लादेशी नागरिकों ने कोरोना महामारी के दौरान कई शिविरों का संचालन किया। उन्होंने कहा कि मैं लोगों से अपील करता हूं कि अगर राज्य के बाहर से किसी भी मदरसे में शिक्षक या इमाम कोई बनता है तो वे स्थानीय पुलिस को सूचित करें।
मालूम हो कि असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा असम में जिहादी गतिविधियों को लेकर पहली बार नहीं बोले हैं, इससे पहले भी वो कई बार सार्वजनिक रूप से यह बात कह चुके हैं। उन्होंने कहा है कि असम में कई आतंकी माड्यूल सक्रिय हैं। दरअसल असम की सीमा बंग्लादेश से जुड़ी हुई है ऐसे में राज्य में अवैध घुसपैठ का खतरा लगातार बना रहता है।
इसी साल असम पुलिस ने मार्च महीने में आतंकी संगठन अल-कायदा की भारतीय उपमहाद्वीप शाखा (AQIS) से संबद्ध बांग्लादेश के एक महत्वपूर्ण जिहादी संगठन के पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल था। इनकी पहचान बांग्लादेश के रहने वाले मोहम्मद सुमन उर्फ सैफुल इस्लाम उर्फ हारून राशिद ढकलियापारा, असम के बारपेटा जिले के खैरुल इस्लाम, बादशाह सुलेमान खान, नौशाद अली और तैमूर रहमान खान के रूप में हुई थी।
मदरसे पर चला बुलडोजर:
असम के मोरीगांव में जिहादी गतिविधियों के खिलाफ असम सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। सरकरार ने पहले मदरसा को सील किया गया था और मदरसे पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई है। मदरसे पर जिहादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था। कार्रवाई में मोरीगांव जिले के मोइराबारी इलाके में जमीउल हुडा मदरसे को ध्वस्त किया गया। इस मदरसे का संस्थापक मुफ्ती मुस्तफा 28 जुलाई को गिरफ्तार हो चुका है। गिरफ्तारी के बाद मदरसे को पहले सील किया गया, वहीं अब उसे जमींदोंज कर दिया गया।