पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के मंत्री और अधिकारी अब महिला अधिकारियों के साथ अकेले में मीटिंग नहीं कर पाएंगे। पंजाब महिला आयोग ने दफ्तरों में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। महिला आयोग के नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक कोई भी मंत्री या अधिकारी किसी महिला अधिकारी से अकेले में बैठक नहीं कर सकेगा। बैठक के दौरान कम से कम दो महिलाओं का होना जरूरी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल में कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट के एक मंत्री पर एक आईएएस महिला अधिकारी ने उन्हें परेशान किए जाने और भद्दे मैसेज भेजने के आरोप लगाए थे, उसी को देखते हुए महिला आयोग को दफ्तरों में काम करने वाली महिला अधिकारियों की सुरक्षा के लिए नए दिशा-निर्देश भेजने पड़े। आयोग ने यौन उत्पीड़न के दायरे में भी इजाफा किया है। पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक महिला के शरीर को जानबूझकर स्पर्श करना, उसके कपड़ों और शरीर को लेकर भद्दे कमेंट्स या व्यंग्य करना, फोन पर भद्दे जोक्स, तस्वीरें, वीडियो या मैजेस भेजना यौन उत्पीड़न के दायरे में रखा गया है।
महिला आयोग ने साफ किया कि इन दिशा-निर्देशों के उलट अगर कोई मंत्री, अधिकारी या कोई कर्मचारी काम करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला चलेगा। बता दें कि हाल में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के जिस मंत्री के खिलाफ एक महिला आईएएस अधिकारी ने परेशान करने और भद्दे मैसेज भेजने के आरोप लगाए, उसका नाम उजागर नहीं किया गया है और न ही शिकायतकर्ता का नाम सामने आया है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक महिला अधिकारी की शिकायत पर सीएम अमरिंदर ने आरोपी मंत्री को कड़ी फटकार लगाई है और उससे मांफी भी मंगवाई है। मीडिया के मुताबिक आरोपी के बारे में कैबिनेट और मीडिया में सबको पता है लेकिन आधिकारिक तौर पर शिकायत दर्ज न किए जाने पर उसका नाम उजागर नहीं हो पा रहा है।
रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि अमरिंदर सिंह आरोपी मंत्री की बर्खास्तगी पर भी विचार कर सकते हैं। वहीं, सूबे में इस मामले ने विरोधी पार्टियों को सत्तारूढ़ अमरिंदर सिंह सरकार पर निशाना साधने का बड़ा मौका दे दिया है। आम आदमी पार्टी आरोपी मंत्री की बर्खास्तगी की मांग कर रही है और भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने सीएम अमरिंदर समेत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से इस मामले पर जवाब मांगा है।