उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार (21 मार्च) को कला, संस्कृति, सिनेमा और खेल समेत विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान करने वाले 46 लोगों को ‘यश भारती’ पुरस्कार से सम्मानित किया और कहा कि उनकी सरकार ने खत्म किये गये तमाम पुरस्कारों को प्रेरणास्रोत बनाये रखने के लिये बहाल किया है। मुख्यमंत्री ने राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में हास्य फिल्म कलाकार राजू श्रीवास्तव, फिल्मकार अनुराग कश्यप, पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा, भोजपुरी अभिनेता एवं गायक दिनेश लाल ‘निरहुआ’, शायर अनवर जलालपुरी और व्यंग्यकार अशोक चक्रधर समेत 46 हस्तियों को ‘यश भारती’ सम्मान से सम्मानित किया। इस पुरस्कार के तहत 11 लाख रुपए और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।

अखिलेश ने इस मौके पर कहा कि यश भारती सम्मान पाने वाले सभी लोगों ने अपनी मेहनत से प्रदेश ही नहीं बल्कि देश का नाम रोशन किया है। इस सम्मान का सिलसिला नेताजी (सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव) ने शुरू किया था और उन्होंने प्रदेश और देश का नाम रोशन करने वालों को ढूंढ-ढूंढकर आगे बढ़ाया था। हम उसी सिलसिले को आगे बढ़ा रहे हैं।

पूर्ववर्ती मायावती सरकार की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा ‘‘एक ऐसा समय आया था जब ऐसे सम्मान रोक दिये गये थे। जनता ने हमें मौका दिया तो हमने ना केवल यश भारती बल्कि और भी रुके हुए सम्मान बहाल किये। इससे देश-विदेश में अच्छा संदेश जा रहा है।’’

सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने इस मौके पर कहा कि मुंशी प्रेमचन्द जैसे महान साहित्यकार की बदहाली और उनकी निशानियों की दुर्दशा देखने के बाद उनके मन में यश भारती पुरस्कार शुरू करने का विचार आया था और वर्ष 1997 से यह सिलसिला शुरू हुआ। उन्होंने यश भारती पाने वालों की सूची में प्रशासनिक अधिकारियों को भी शामिल करने की जरूरत बतायी।

सपा मुखिया ने कहा कि मुख्यमंत्री को यश भारती सम्मान से सम्मानित किए जाने वालों की सूची में सरकारी अधिकारियों को भी शामिल करना चाहिये था। यादव ने कहा कि सम्मान से ना सिर्फ सम्बन्धित व्यक्ति को बल्कि पूरे समाज को प्रेरणा मिलती है, इसीलिये यश भारती सम्मान का सिलसिला शुरू किया गया था।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के जो हालात हैं, उन्हें सुधारने के लिये बहुत काम करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत के किसानों का कोई जवाब नहीं है। उनके जितनी मेहनत दुनिया में कहीं के भी किसान नहीं करते। यादव ने कहा कि एक वक्त था जब हम अपना पेट भरने के लिये विदेश से आने वाले अनाज पर निर्भर करते थे लेकिन आज हमारा किसान अपना पेट काटकर देश का पेट भर रहा है।