पानी का संकट न सिर्फ महाराष्ट्र के मराठबाड़ा में बल्कि बुंदेलखंड, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों भी पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। ऐसे में जनता की प्यास बुझाने के लिए निगम अधिकारियों की ओर से भले ही बड़े-बड़े दावे किए जाते हों लेकिन अब तक अंजाम किसी भी वायदे को नहीं दिया गया था। लेकिन अब देशभर में जल संकट का सामना कर रहे लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते पेयजल के लिए सार्वजनिक स्थलों पर अब जनजल वाटर एटीएम लगाए जाएंगे।
सुप्रीमअस समूह की तरफ से की जा रही इस पहल का उद्देश्य अन्तर्गत रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, अस्पताल, स्कूल, धार्मिक स्थल, ग्राम पंचायत, कस्बों, शहरों, महानगरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों में पेयजल की सुविधा प्रदान करना है।
जनजल के संस्थापक पराग अग्रवाल के मुताबिक बहुत जल्द सार्वजिनक वाटर एटीएम रेलवे स्टेशनों पर भी देखने को मिलेंगे जहां यात्री मुफ्त में पेयजल प्राप्त कर सकेंगे। हालांकि पानी का एटीएम जनजल अन्य स्थानों पर मामूली लागत पर 24 घंटे पीने का पानी उपलब्ध कराएगा।
इसकी लागत में मुख्य रूप से फिल्टरेशन, सिस्टम मेंटेनेंस और जुड़ी प्रणाली को समय-समय पर अपग्रेड करने से जुड़ा खर्च शामिल होगा। प्रत्येक जनजल एटीएम की क्षमता प्रतिदिन 20,000 लीटर सुरक्षित पेयजल प्रदान करने की है। इसके जरिये कई लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा जिन्हें इससे संबंधित प्रणालियों के परिचालन के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा। इस एटीएम की प्रणाली बिना बिजली के परिचालित होती है।
लेकिन दूसरी ओऱ ये भी बड़ा सवाल है कि इस तरह के वाटर एटीएम शहरों में लग भी जाएंगे तो क्या देश के ग्रामों में तो जल संकट कम नहीं होगा। सवाल ये भी है कि आखिरकार अब तक
आखिर निगम की ओर से प्याऊ लगवाने में लापरवाही क्यों बरती जा रही है। अब देखना यह है कि कितने दिन में निगम की ओर से यह व्यवस्था शुरू की जाएगी।