Bihar Election Result: बिहार चुनाव भले ही एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर माना जा रहा था, लेकिन चुनावी रुझान बताते हैं कि एनडीए के सहयोगी दल जेडी(यू) और बीजेपी ही सबसे बड़ी पार्टी बनने की होड़ में हैं, और सत्तारूढ़ गठबंधन 200 से ज़्यादा सीटों पर आगे चल रहा है। तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली आरजेडी, जो 2020 में सबसे बड़ी पार्टी थी। उसको करारा झटका लगा है, उसकी बढ़त 50 सीटों से नीचे आ गई है, जबकि कांग्रेस की पांच सीटों पर ही आगे चल रही है। हालाँकि, जैसे-जैसे मतगणना अंतिम दौर की ओर बढ़ रही है, महागठबंधन के लिए ये समीकरण थोड़े बदल सकते हैं।

वहीं, एनडीए की बढ़त LJP-रामविलास सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि हमें जीत का कोई शक नहीं था, लेकिन जिस तरीके से भारी बहुमत आ रहा है जनता की ओर से उन लोगों के लिए करारा जवाब है कि बिहार के विकास के लिए उन्होंने विकास पुरुष को चुना है।

इससे पहले गुरुवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के उस बयान पर सार्वजनिक रूप से पलटवार किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह 18 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

पटना में मीडिया से बात करते हुए शांभवी चौधरी ने कहा था कि सपने देखना अच्छी बात है, लेकिन मुख्यमंत्री बनने का सपना मत देखो। बिहार की जनता ने अगले पांच साल के लिए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया है और उन्होंने मतदान के ज़रिए अपना वादा पूरा भी कर दिया है।

शांभवी चौधरी ने आगे कहा था कि देश 14 नवंबर को बारीकी से देखेगा कि अगली सरकार कौन बनाता है। उन्होंने विश्वास जताया था कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बिहार में सत्ता बरकरार रखेगा और नीतीश कुमार एक बार फिर सत्ता संभालेंगे।

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चौधरी ने नीतीश कुमार के समर्थन में “टाइगर ज़िंदा है” नारे वाले पोस्टरों को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा था कि हालाँकि यह जद(यू) कार्यकर्ताओं की भावना को दर्शाता है, लेकिन एक बात स्पष्ट है कि नीतीश कुमार बिहार की जनता के दिलों में ज़िंदा हैं। वह आज भी उतने ही मज़बूत हैं जितने 2005 में थे और पूरी लगन से काम करते हैं।” कुमार के शासन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाएं अब सुरक्षित महसूस करती हैं और राजनीति में उनका बढ़ता प्रतिनिधित्व बदलते बिहार का संकेत है।

एनडीए की चुनावी रणनीति पर चौधरी ने तेजस्वी यादव की आलोचना करते हुए कहा था कि वे सिर्फ़ चुनाव के दौरान ही जनता के सामने आते हैं। उन्होंने कहा था कि बिहार में बूथ-हंटिंग अब चलन नहीं रहा। चुनाव वोटों से जीते जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी, नीतीश कुमार और चिराग पासवान समेत एनडीए के नेता अपने प्रतिद्वंद्वियों के उलट, साल भर जनता से जुड़े रहते हैं।

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