Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वंशवादी राजनीति बिहार के चुनावी परिदृश्य को आकार देती रही है, जहां कई उम्मीदवार स्थापित राजनेताओं के बेटे, बेटियां, पत्नियां या करीबी रिश्तेदार हैं। अब हम बात करेंगे इस चुनाव में कितने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे-बेटी या करीबी रिश्तेदार चुनावी दंगल में उतरे हैं।
इस साल के चुनाव में कई हाई-प्रोफाइल राजनीतिक उत्तराधिकारी चुनावी मैदान में हैं। पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के बेटे तेजस्वी यादव राघोपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव महुआ सीट से चुनावी मैदान में हैं। आरजेडी से अलग होने के बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी बना ली है। उनकी पार्टी का नाम ‘जनशक्ति जनता दल’ है। मई महीने में आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था।
तेज प्रताप की साली को लालू ने दिया टिकट
बिहार चुनाव में तेज प्रताप की साली को लालू ने टिकट देकर नया समीकरण बना दिया है। करिश्मा राय पेशे से डेंटिस्ट हैं और बिहार की राजनीति में नया चेहरा मानी जा रही हैं। वे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती हैं और तेज प्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय की चचेरी बहन हैं। वहीं, पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा के बेटे नीतीश मिश्रा झंझारपुर से विधायक हैं और उन्हें इसी सीट से भारतीय जनता पार्टी ने टिकट दिया है।
इस बार जननायक कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉक्टर जागृति ठाकुर भी चुनावी मैदान में उतर रही हैं। वह प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज के टिकट पर समस्तीपुर जिले की मोरवा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी। इस चुनाव में अगर चर्चा किसी के परिवार की हो रही है तो वो पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी है।
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जीतन राम मांझी ने अपने परिवार से तीन लोगों को दिया टिकट
जीतन राम मांझी को एनडीए गठबंधन में छह सीटें मिली हैं। सबसे खास बात यह है कि इनमें से तीन सीटों पर उन्होंने अपने परिवार के लोगों को ही टिकट दिया है। HAM नेता ने अपने ही परिवार की बहू दीपा मांझी, दामाद प्रफुल्ल मांझी और समधन ज्योति कुमारी की उम्मीदवार के रूप में चुना है। इमामगंज सीट से लड़ रही दीपा मांझी, जीतन राम मांझी की बहू हैं। वहीं, बाराचट्टी कैंडिडेट ज्योति देवी उनकी समधन हैं। इसके अलावा जमुई जिले के सिकंदरा से खड़े उम्मीदवार प्रफुल्ल कुमार मांझी, जीतन राम मांझी के दामाद हैं।
बिहार विधानसभा में वंशवादी नेताओं का दबदबा
243 सदस्यों वाली विधानसभा में वंशवादी नेताओं का दबदबा है। 243 सदस्यीय विधानसभा में वंशवादी नेताओं की संख्या 70 या 28.81 प्रतिशत है। यह कुल संख्या का एक-चौथाई से भी ज्यादा है। बता दें कि बिहार में दो फेज में चुनाव होंगे। पहले फेज के लिए 6 नवंबर को वोटिंग होगी और दूसरे फेज के लिए 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। चुनावी नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
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