महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जमीन से जुड़े एक कथित घोटाले की जांच के लिए गुरुवार को समिति का गठन किया है। इस मामले की जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) विकास खड़गे करेंगे। यह मामला एनसीपी के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़ी एक कंपनी का है।
महाराष्ट्र में चल रही महायुति की सरकार में बीजेपी, अजित पवार की एनसीपी और शिवसेना (शिंदे गुट) शामिल हैं।
इस मामले में क्या आरोप हैं?
आरोपों के मुताबिक, पार्थ पवार और दिग्विजय पाटिल की अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी (Amadea Enterprises LLP) ने कोरेगांव पार्क में 40 एकड़ जमीन खरीदी थी। यह जमीन महार वतन भूमि के रूप में दर्ज थी। महार वतन भूमि ऐसी जमीनें होती हैं, जिन्हें अनुसूचित जाति में आने वाले महार समुदाय को गांव में सेवा करने के बदले दिया जाता था। ऐसी जमीनों को राज्य सरकार की इजाजत के बिना नहीं बेचा जा सकता।
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विपक्ष का क्या कहना है?
विपक्ष का आरोप है कि इस जमीन की कुल कीमत 1,800 करोड़ रुपये थी लेकिन इसे पार्थ पवार की कंपनी को सिर्फ 300 करोड़ रुपये में बेच दिया गया और उन्हें स्टांप शुल्क में छूट भी दी गई।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने पवार की कंपनी को यह जमीन बेचे जाने पर सवाल उठाया है। दानवे ने कहा, “पवार की कंपनी की शेयर पूंजी सिर्फ एक लाख रुपये है और उसने 1,800 करोड़ रुपये की जमीन 300 करोड़ रुपये में खरीदी… कंपनी ने 22 अप्रैल, 2025 को एक आईटी पार्क बनाने का फैसला किया, और 48 घंटे के भीतर उद्योग निदेशालय ने स्टांप शुल्क माफ कर दिया। निदेशालय ने बिना किसी अनुभव वाली कंपनी के प्रस्ताव को कैसे मंजूरी दे दी? 40 एकड़ ज़मीन के लेन-देन के लिए स्टांप शुल्क सिर्फ़ 500 रुपये लिया गया।”
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने आरोप लगाया कि अजित पवार के बेटे को हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति कौड़ियों के दाम में दे दी गई। उन्होंने कहा कि अजित पवार ने इसमें मदद की और इसके लिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
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मैंने कोई घोटाला नहीं किया- पार्थ पवार
अजित पवार ने इस बारे में पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया जबकि पार्थ पवार ने एक न्यूज चैनल से कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। पार्थ पवार ने कहा, “मैंने कोई घोटाला नहीं किया है। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है।”
शाह ने दिया था बड़ा बयान
जमीन सौदे के मामले में जांच कमेटी का यह गठन ऐसे वक्त में हुआ है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि बीजेपी को महाराष्ट्र में ‘बैसाखियों’ की जरूरत नहीं है और वह अपनी ताकत पर चलेगी। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में विपक्ष का सूपड़ा साफ हो जाए।
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