छत्तीसगढ़ में जमीन अतिक्रमण के मामले में हैरत कर देने वाला वाकया सामने आया है। बता दें कि रायगढ़ जिले में तहसीलदार कोर्ट ने कई लोगों के साथ भगवान शिव को भी नोटिस जारी कर उन्हें हाजिर होने का फरमान जारी कर दिया। नोटिस पाने वालों को आदेश के साथ कहा गया कि हाजिर ना होने पर 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।
बता दें कि पेशी के आदेश में शिव भक्त बड़ी मुश्किल में फंस गये कि आखिर भगवान को कोर्ट कैसे ले जाया जाये। ऐसे में स्थानीय लोगों ने शिव मंदिर से शिवलिंग को उखाड़कर रिक्शे से कोर्ट तक ले गये। हालांकि वहां भी भगवान को राहत नहीं मिली और तहसीलदार के नहीं आने पर कोर्ट द्वारा अगली तारीख 13 अप्रैल दे दी गई।
दरअसल रायगढ़ के कौवाकुंडा स्थित शिव मंदिर को अवैध कब्जे की शिकायत की नोटिस जारी की गई थी। कोर्ट ने यह नोटिस भगवान शंकर के नाम जारी किया था। यह मामला काफी सुर्खियों में भी रहा। लोग इस बात को लेकर कौतूहल में थे।
बता दें कि अवैध कब्जे और निर्माण को लेकर उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। रायगढ़ तहसील कोर्ट ने इस मामले में 23 से 24 फरवरी और 2 मार्च को सीमांकन दल गठित कर कौहाकुंडा गांव में जांच कराई थी। इसमें कई लोगों के पास अवैध कब्जा पाया गया। ऐसे में कोर्ट ने 10 लोगों को नोटिस जारी कर दिया और निर्माण पर रोक लगा दी।
गौरतलब है कि कब्जे को लेकर किसी पुजारी का नाम नहीं होने के कारण कोर्ट ने सीधे तौर पर शिव मंदिर के नाम नोटिस जारी कर दिया था। प्रशासन की तरफ से इस हरकत पर सभी लोग सकते हैं। वहीं शिवलिंग को मंदिर से उखाड़कर कोर्ट ले जाने को लेकर कांग्रेस पार्षद सपना सिदार ने बताया कि वह पहले से खंडित था। उसे मंदिर से बाहर करके नया शिवलिंग स्थापित कर दिया गया था।
दूसरी तरफ नोटिस को लेकर मचे बवाल पर तहसीलदार गगन शर्मा ने कहा कि इस संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है। नोटिस नायब तहसीलदार ने जारी किया था। अगर कोई गलती है तो उसे सुधारा जाएगा। जन सुनवाई होने के कारण कोर्ट की तारीख 13 अप्रैल रखी गई है।